पीलीभीत: पीलीभीत में 23 फरवरी को मतदान होने है। लेकिन उससे पहले पीलीभीत में निर्वाचन आयोग की मुसीबत लगातार बढ़ती जा रही है। निर्वाचन आयोग ने मुसीबत से निजात पाने के लिए अब लंगूरी बंदर का सहारा लिया है। दरअसल, मतदान से पहले पीलीभीत के मंडी में मतदान के दिन बूथ पर इस्तेमाल होने वाली ईवीएम मशीन और अन्य उपकरणों को रखा गया है.
ईवीएम मशीन और अन्य उपकरणों की निगरानी के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा 50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, लेकिन बंदरों ने इन्हें तोड़ दिया। बंदरों से निजात पाने के लिए पुलिस और वनकर्मियों का सहारा लिया गया। जगह-जगह पिंजरे भी रखे गए, लेकिन बंदरों ने पिंजरों को भी तोड़ दिया। अब बंदरों ने निजात पाने के लिए लंगूरी बंदर को लगाया गया है।
ईवीएम की सुरक्षा के लिए लंगूरी बंदर का सहारा लेने के बारे में जानकारी देते हुए पीलीभीत के चुनाव आयोग के अधिकारी पुलकित खरे ने कहा कि मंडी में लंगूरी बंदर को लाया गया है ताकि वहां पर रखें सभी उपकरणों को बचाया जा सके। उल्लेखनीय है कि पीलीभीत में 23 फरवरी को वोटिंग होनी है। वोटिंग से पहले राजनेताओं का जमावड़ा पीलीभीत में लग चुका है। वहीं, इस बारे में उप क्षेत्रीय वन अधिकारी शेर सिंह ने कहा, यहां पर स्ट्रांग रूम बना है और उनके निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जो बंदर तोड़ गए थे इनकी सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीम तैनात हैं और लंगूरी बंदर भी तैनात किया गया है।
पीलीभीत जिले में पिछले विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी ने चारों सीटें जीती थीं। इस तरह बरेली मंडल की 25 में से 23 सीटों पर बीजेपी ही काबिल है और शाहजहांपुर की जलालाबाद तथा बदायूं की सहसवान सीटें सपा के पास हैं लेकिन इस बार सपा से बीजेपी को कड़ी टक्कर मिल रही है और बीजेपी को मंडल की 23 सीटों पर फिर से जीत के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है।