सुल्तानपुर। पिछले दिनों से लगातार बच्चों के गुमसूदगी के मामले सामने आ रहे है। जिसमें से बहुत कम मासूम अपने घर वापस लौट पाते है। ताजा मामला सुल्तानपुर का हैं। जहां किशोरी समेत कई बच्चे गुमशुदा हो गए हैं। लेकिन बच्चों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। इस मामले में क्षेत्राधिकारी नगर राघवेंद्र चतुर्वेदी, नगर कोतवाल राम आशीष उपाध्याय, निराला नगर चौकी प्रभारी नियाजी हुसैन व राम नगर गोड़वा चौकी पुलिस सीसीटीवी फुटेज पर हाथ पैर मार रही हैं।
पुलिस अपना रही देहाती प्रक्रिया
लेकिन पुराने फॉर्मूले की प्रक्रिया के चलते सफलता हाथ नही लग रही है। सीसीटीवी कैमरे सही लोकेशन पर नहीं होने से पुलिस को अब देहाती प्रक्रिया अपनानी पड़ रही हैं।आपको बता दें कि एक ही गावँ के तीन बच्चे सुबह से गुमशुदा हैं। जिसके बाद परेशान परिजनों ने मामले की सूचना पुलिस अधीक्षक को दी है। फिलहाल बरामदगी के लिए बच्चों की फोटो का ही सहारा लिया जा रहा है। करौंदिया, चुनहा, मुरली नगर, भदहरा, जुड़ैयापुर से लेकर कुड़वार नाका तक गायब बच्चों की फोटो दिखाई जा रही है। लेकिन अभी तक किसी ने भी इस मामले में कोई सुराग नहीं दिया है। किशोरी समेत तीन बच्चे अभी तक बरामद नहीं हुए हैं।
घटना बेहद चिंताजनक
कुड़वार थाना क्षेत्र के बभनगँवा ग्राम के प्रधान भी सुबह से पुलिस टीम के साथ लगे हुए हैं लेकिन अभी तक आशातीत सफलता नहीं मिली है। हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने भी कई बार मॉनिटरिंग की लेकिन किसी के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लगा। देर शाम तक पुलिस करौंदिया ओवर ब्रिज पर चढ़कर आसपास के पड़ोसियों को छतों पर बुलाकर पूछताछ कर रही हैं। घटना बेहद चिंताजनक है लेकिन ऐसी घटनाओं के वर्कआउट के लिए पुलिस का तैयार रहना बेहद जरूरी है।
क्योंकि अपराध के नए तरीकों की रफ्तार बेहद तेज है लेकिन क्राइम मीटिंग सिर्फ अल्प आहार से ज्यादा कुछ नही। लेदेकर सर्विलांस टीम ही संकट मोचक बनी हुई है। फेलियर पुलिसिंग वर्तमान सिस्टम को आइना दिखा रहा है। गायब बच्चों की फोटो दिखाकर पुराने ढर्रे पर चलने वाली नगर की पुलिस कितनी जल्दी परिजनों और सैकड़ो ग्रामीणों को सन्तुष्ट करेगी और बच्चों की बरामदगी करेगी यह सवाल अभी अनुत्तरित है।
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