राजस्थान चुनाव कुछ ही महीने में होने है। बताया जा रहा है कि साल के अखीर में राज्य में चुनाव है जिसके लिए सभी राजनैतिक दलो ने तैयारी शुरू कर दी है। एक तरफ भाजपा है जो काग्रेंस सरकार से सीख ले कर अपनी पार्टी में किसी भी प्राकार की बयानबाजी से बच रहे है। वही काग्रेंस हे जिसकी सत्ता होने के बावजूद वह परेशानियों से घिरी हुइ है। सचिन और गहलोत के बीच का तनाव राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के लिए सबसे बड़ी गिरावट साबित हो सकती है।
साचिन और घहलोत की हो सकती है सुलह ?
बता दे की लबें समय से काग्रेंस पार्टी के दो बड़े चेहरे सचिन पायलैट और अशोक गहलोत के बीच पार्टी के र्कयो को लेकर तनाव का माहौल बना हुआ है। 2020 के चुनाव के बाद से ही इन दो दिग्गजो के बीच यह परिस्थितियां शुरू हो गई थीं। सचिन जो सरकार के र्पुव डिप्टी
सीएम रेह चुके है, उनकी सरकार से शिक्षा एवं भ्रष्टाचार को लेकर मांग थी। जिसमें उन्होने सरकार से छात्रों के लिए मुआवजा और भाजपा के भ्रष्टाचार को खत्म करने की मांग रखी थी। इस मांग पर कोई सक्त कारवाई ना होने पर उन्होने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद से सचिन ने अपनी ही सरकार का खिलाफ र्मोचा निकाल लिया । जिसके कारण हाल ही में दिल्ली के पार्टी कार्यालय में एक महा बैठक रखी गइ। इस बैठक में पार्टी के कइ बड़े चहरे शामिल हुए। सुत्रो के मुताबिक इस बैठक में सचिन और घहलोत के बीच की सारे विवादो पर र्चचा हुइ। परिणाम स्वरूप दोनों के बीच चल रही परेशानियों को समाधान होगा। इसी बीच सचिन के पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि 11 जून को मनायी जाएगी, उसी दिन सचिन के राजनैतिक भविष्य का भी फैसला होगा।
क्या नई पार्टी में नज़र आएगें पायलेट?
विवादों के बीच ये बात भी खूब सुर्खियां बटोर रही थीं की सचिन अपनी नइ पार्टी ला सकते, साथ ही यह भी बात सामने आइ की सचिन भाजपा की ओर अपना रुख मोड़ रहे है। मगर पायलेट के क़रीबी सुत्र ने बताया की वह फिलहाल अपना पूरा ध्यान अपनी मांगो पर रख रहे। पार्टी से अलग होने का अभी उनका कोई इरादा नहीं है।
मानसी र्शमा