स्वामी रामदेव द्वारा महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद विवाद खड़ा हो गया है। जिसके चलते अब योग गुरु स्वामी रामदेव ने खेद व्यक्त करते हुए माफी मांगी है। रामदेव ने महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर को इसको लेकर ईमेल भेजा है। हालांकि रामदेव ने माफी मांगने के साथ-साथ ये भी कहा कि उनकी टिप्पणी की गलत व्याख्या की गई। महिलाओं का अपमान करना का उनका कोई इरादा नहीं था।
“मैंने कभी किसी महिला का अपमान नहीं किया”
वहीं इस मामले में विरोध होने पर रामदेव ने कहा कि उन्होंने महिलाओं को सम्मान और समानता दिलाने में मदद करने के लिए वैश्विक स्तर पर एक अभियान भी चलाया है। उन्होंने कहा है कि “मैंने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी सरकार की नीतियों का समर्थन पूरे मन से किया है। उन्हें प्रोत्साहित किया है। मैं स्पष्ट रूप से ये कहता हूं कि मैंने कभी किसी भी महिला का अपमान नहीं किया और न ही अब ऐसा करने का मेरा कोई इरादा था।”
“किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो….”
उन्होंने आगे कहा कि ठाणे में महिला सशक्तिकरण की थीम पर आधारित एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें उन्होंने घंटे भर के भाषण दिया। जिसमें से कुछ सेकंड की उनकी टिप्पणियों के वीडियो क्लिप को गलत ढंग से सबके सामने पेश किया गया। वहीं रामदेव ने कहा कि “मेरे मन में सबसे अधिक सम्मान मातृशक्ति के लिए है। भाषण के दौरान मेरी टिप्पणी सादे कपड़े के लिए थी। अगर इससे किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मुझे इसका गहरा अफसोस है। मैं उनसे माफी भी मांगता हूं।
“इस मामले को ‘बंद’ मानेंगे लेकिन…”
वहीं महिला आयोग के अधिकारियों ने संकेत देते हुए कहा है कि उनकी माफी के साथ वह इस मामले को ‘बंद’ मानेंगे। लेकिन कहीं से अगर कोई शिकायत मिलती है तो इसकी जांच की जाएगी।
“महिला कुछ न भा पहने तो भी अच्छी लगती हैं”
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के ठाणे में महिलाओं के लिए योग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योग गुरु स्वामी रामदेव बाबा ने कहा था कि “महिलाएं साड़ी में अच्छी लगती हैं, महिलाएं सलवार सूट में भी सुंदर लगती हैं, तो वहीं वें कुछ भी न पहने तब भी अच्छी लगती हैं।” रामदेव की इस पर टिप्पणी की खूब बवाल खड़ा हुआ। जिसके बाद महाराष्ट्र महिला आयोग ने उन्हें नोटिस भी जारी किया।