Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
Sagas Bavji Temple: ना मूर्ति... ना पुजारी, फिर भी जुड़ी है श्रद्धालुओं की

Sagas Bavji Temple: ना मूर्ति… ना पुजारी, फिर भी जुड़ी है श्रद्धालुओं की आस्था, मन्नत पुरी होने पर चढ़ाते है घड़ी, अद्भुत है इस मंदिर की मान्यता

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के रतलाम (Ratlam) जिले में एक अनोखा मंदिर है। इस मंदिर की कहानी जितनी दिलचस्प है उतनी ही इसकी परंपरा भी। दरअसल इस मंदिर में प्रसाद नहीं बल्कि पर घड़ियां (Watch) चढ़ाती हैं। स्थानीय लोगों की माने तो ये मंदिर सगस बावजी (Sagas Bavji Temple) का है जो सदियों पुराना है। ऐसी मान्यता है कि यहां दर्शन करने से हर तरह की दुर्घटना से बचा जा सकता है। यानी अगर किसी का खराब समय आ जाए तो यहां मन्नत मांगने से ठीक हो जाता है। वहीं इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर में न तो भगवान की मूर्ति है और न ही पुजारी। फिर भी यहां हजारों लोगों की श्रद्धा है। 

लोगों ने देखें हैं ऐसे चमत्कार

शास्त्रों में सगस बावजी को यक्ष कहा गया है। ऐसा कहा जाता है कि यहां इस मंदिर में यक्ष साकार रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं। वहीं श्रद्धालुओं ने दावा किया है कि बावजी ने कई लोगों को दर्शन दिए हैं। यहां तक कि बावजी रास्ता भटक हुआ लोगों के साथ-साथ चलते हैं और उन्हें रास्ता दिखाते हैं। उन्हें सुरक्षित घर तक छोड़ कर आते हैं। कई लोगों ने ये चमत्कार होते देखा है।

ऐसा बताया जाता है कि जब मंदिर के आस-पास का इलाका फोरलेन नहीं था। उस समय ये मंदिर सड़क किनारे था। जब फोरलेन का काम शुरू किया गया और इस मंदिर को हटाने की कोशिश की गई तो मंदिर हटाने आई जेसीबी और अन्य मशीन आते ही खराब हो जाती थी या फिर उसमें ईंधन खत्म हो जाता था। इन सब के बाद कंपनी ने लोगों की मान्यताओं का ध्यान रखते हुए अपना इरादा बदल दिया।

घड़ियों से भरा रहता भरा रहता है मंदिर

भक्त यहां पर बिगड़े कामों को सुधारने, संतान प्राप्ति, विवाह आदि परेशानियों को दूर करने के लिए आते है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी मनोकामनाएं यहां मांगी जाती है वह हर हाल में पूरी होती है। लोग परिवार के साथ यहां दर्शन के लिए आते है। मन्नत पूरी होने के बाद श्रद्धालु यहां घड़ी चढ़ाते हैं। ये पूरा मंदिर घड़ियों से भरा रहता है। हर साल यहां चढ़ाई गई घड़ियों को नदी में बहा दिया जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार पहले सगस बावजी यहां पर बने एक चबूतरे पर बैठते करते थे। जहां पर लोगों ने एक मंदिर बनवा दिया है।

अंधा हो गया था घड़ी चोर

वहीं इस मंदिर में कभी ताला नहीं लगता। ऐसा कहा जाता है कि एक बार किसी शख्स यहां  से पांच घड़ियां चुराई थी जिसके बाद वह अंधा हो गया। जिसके बाद उसने चोरी की बात लोगों को बताई। उसने बताया कि घड़िया चुराने के बाद वह अंधा हो गया था। लेकिन जब उसने वहां दस घड़ियां चढ़ाईं तब जाकर उसे उसकी आंखों की रोशनी वापस मिली। इसके बाद उसे दिखाई देने लगा।

Exit mobile version