यूपी के सुल्तानपुर से बड़ी खबर सामने आई हैं। जहां आज पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में सरकारी खाते की जमीन का विनिमय किया गया। इस विनिमय में लाखों का बंदर बांट हुआ है। इसके बाद भी अधिकारियों और बिचौलियों का बंदरबांट का धंधा जारी है। मामला का खुलासा हुआ तो बिचौलियों को जेल भेज दिया गया और तो वहीं दोषी अधिकारियों को बचा लिया गया है।
आपको बता दें कि ये मामला बल्दीराय तहसील क्षेत्र से है। जो वर्ष 2017 से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए जमीन लेने की प्रक्रिया शुरू हुआ था। सरकारी खाते की जमीन जैसे घूर गड्ढा, खलिहान, ऊसर, बंजर आदि ली गई।
रसूख का फायदा उठाकर जमीन का विनिमय
उनके लिए किसानों से उतनी ही जमीन सर्किल दर की चार गुना के अनुसार सरकार के उसी खाते में विनिमय की प्रक्रिया की गई। जिसमें किसानों ने अपनी निष्प्रयोज्य जमीन तो वहीं कुछ ने तो कम दर पर अपने धनबल व रसूख का फायदा उठाकर जमीनों का विनिमय कराया। जब मामले की जांच की गई तो बड़ो बड़ो के राज खुलते चले गए।
आपको बता दें कि तहसील के कुछ लोगों ने राजस्व विभाग के लोगों को मिलाकर अपनी जमीन विनिमय करवाया। जब वो अपने इरोदों में सफल हो गए तो अधिकारियों के लिए बिचौलिये का काम करने लगे। फत्तेपुर, जरई कला, हलियापुर, मेघमऊ, रामपुर बबुआन, डीह, मंझवारा आदि जिन भी गांव से एक्सप्रेस वे गया उन उन गांवों में जमीन विनिमय कां खेल खेला गया। वहीं जमीन विनिमय कराने में किसानों से दो, तीन, चार व पांच लाख रुपये तक प्रति सौ एयर के हिसाब से लिया गया।
नहीं थम रहा गबन का खेल
इसके साथ ही पुलिस विभाग में उस समय इलाहाबाद में अधिकारी जो अयोध्या जिले के तेलीबाग मोहल्ले के निवासी थे। उन्होंने अपने रसूख के बल पर अधिकारियों से मिलकर तहसील क्षेत्र के जरई कला गांव की निष्प्रयोज्य पड़ी एक एकड़ से अधिक जमीन का विनिमय करवाया।
जरई कला के दो लोगों ने मिलकर एक एकड़ का बैनामा लिया। जिसका एक साल के अंदर ही विनिमय कराया गया। मामला खुलने के बाद इन्हीं दोनों में से एक प्रेम नारायण सिंह से पवनेश दूबे जरई कला व सौरभ उपाध्याय हलियापुर के नाम कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसके बाद भी ये खेल थम नहीं रहा है। डीह गांव में भी कुछ ऐसा ही खेल चल रहा था।
वहीं इसी बीच देरी होने पर विनिमय कराने वाले किसान अपना पैसा वापस मांगने लगे तो अधिकारी ने बिचौलिये के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा दी। पीड़ितों से प्रार्थना पत्र लेकर बिचौलियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई। जिसके बाद उनको जेल की हवा खानी पड़ी।