झारखंड की राजनीति गलियारों में हलचाल जारी है। इसी बीच सीएम हेमंत सोरेन ने आज 11 बजे लगातार दूसरे विधायक दल की बैठक बुलाई है। इस बैठक में महागठबंधन से RJD और कांग्रेस के विधायकों भी शामिल किया गया है। वहीं सीएम हेमंत सोरेन के खनन पट्टे मामले में चुनाव आयोग जांच के बाद अपनी रिपोर्ट झारखंड के राज्यपाल को भेज दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार सीएम के विधायकों के पद को अयोग्य ठहराया गया है। जिसके बाद सीएम एक ट्वीट सामने आया है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह आदिवासी का बेटा है। इनकी चाल से हमारा रास्ता न कभी रुका है। न हम लोग कभी इन लोगों से डरे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले ही हमारे मन से डर-भय को निकाल दिया था। हम आदिवासियों के DNA में डर और भय के लिए कोई जगह ही नहीं है।
खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे
आगे सीएम सोरेन ने कहा कि “शैतानी ताकतें” लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही हैं। लेकिन वह अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे।
वहीं एक सरकारी समारोह में सीएम ने कहा कि मैं चिंतित नहीं हूं। क्योंकि उन्हें राज्य पर शासन करने का जनादेश लोगों ने दिया है विरोधियों ने नहीं। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे विरोधी संवैधानिक संस्थानों का दुरुपयोग कर रहे हैं। वह राजनीतिक रूप से हमारे साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं हैं। इस कारण वह हमारी सरकार को अस्थिर करने के लिए ED, CBI, लोकपाल और Income Tax का सहारा ले रहे है।
सोरेन सरकार के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़
आपको बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन को रांची जिले के अनगड़ा ब्लॉक में 0.88 एकड़ जमीन का खनन पट्टा मिला था। दस्तावेजों के मुताबिक 28 मई 2021 को हेमंत सोरेन ने आवेदन दिया और उन्हें 15 जून 2021 को मंजूरी मिल गई थी। लेकिन 11 फरवरी 2022 को बीजेपी ने राज्यपाल से मिलकर शिकायत की कि ये लाभ के पद का मामला है। सीएम खुद के नाम से खनन पट्टा नहीं ले सकते। हालांकि इसके बाद हेमंत सोरेन लीज सरेंडर करके खुद को इस मामले से अलग कर लिया।
इसके बाद झारखंड की खनन सचिव रह चुकी पूजा सिंघल के ठिकानों पर ED ने छापेमारी शुरू की। ED को पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के एक ही ठिकाने से साढ़े 17 करोड़ रुपये नकद मिले थे। वहीं ED ने दावा किया है कि पूजा सिंघल और उनके करीबियों के पास से 150 करोड़ रुपये के निवेश का खुलासा हुआ साथ ही कई अहम दस्तावेज भी मिले। इससे खनन के धंधे में हेमंत सोरेन सरकार के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ हुआ।
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