जयपुर। मुरलीपुरा थाना इलाके में मंदिर समिति से चल रहे विवाद के चलते मंदिर के पुजारी ने गुरुवार सुबह आग लगाकर आत्मदाह करने का प्रयास किया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आग से झुलसे पुजारी को स्थानीय लोगों की मदद से एसएमएस अस्पताल पहुंचाया। जहां उसका बर्न वार्ड में उपचार चल रहा है। चिकित्सकों की माने तो पुजारी की हालत गंभीर बताई जा रही है। इधर, पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
पुलिस उपायुक्त जयपुर (पश्चिम) वंदिता राणा ने बताया कि मुरलीपुरा थाना इलाके में शंकर विहार में सार्वजनिक स्थान पर लक्ष्मी नारायण मंदिर है। यहां पर गिर्राज शर्मा पुजारी हैं और वह मंदिर में पूजा पाठ का काम देखते हैं। पुलिस को गुरुवार सुबह सूचना मिली थी कि मंदिर के पुजारी ने खुद को आग लगा ली है। इस पर पुलिस ने मौके पर पहुंच स्थानीय लोगों की मदद से पुजारी गिर्राज शर्मा को एसएमएस अस्पताल भिजवाया, जहां उनका बर्न वार्ड में उपचार चल रहा है। वही, गिर्राज शर्मा की स्थिति बेहद नाजुक होने के चलते अब तक उनके पर्चा बयान नहीं हो सके हैं।
पुलिस अधिकारियों ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस जानकारी में सामने आया कि पुजारी गिर्राज शर्मा वर्ष 2002 से इस मंदिर में पूजा का काम देख रहा है और मंदिर में पूजा की बात को लेकर गिर्राज शर्मा का मंदिर समिति से विवाद चल रहा है। समिति के सदस्य उन्हें हटाना चाहते थे और इस बात को लेकर वह कई दिनों से परेशान चल रहे था। जिसने गुरुवार सुबह उन्होंने खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली। पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया। जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। इधर पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर यह पता लगा रही है कि समिति के सदस्यों और गिर्राज शर्मा में किस बात को लेकर विवाद चल रहा था।
पुलिस मामले की जांच कर रही है
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रामसिंह ने बताया कि पंडित गिर्राज शर्मा करीब 60 फीसदी जल गए हैं,उनका इलाज एसएमएस के बर्न वार्ड में चल रहा है। पंडित के बयान लेने के लिए पुलिस अधिकारी को एसएमएस भेजा गया है। वहीं पुलिस ने मंदिर ट्रस्ट के लोगों को भी थाने बुलाया है। उनसे भी विवाद को लेकर पूछताछ की जा रही। हालांकि, समिति के पूर्व अध्यक्ष मूलचंद मान पुलिस को घर पर नहीं मिले हैं। इन्हीं के घर के सामने पुजारी ने आग लगाई थी।
इधर, गिर्राज शर्मा की पत्नी चंद्रकांता शर्मा ने बताया पुलिस को जानकारी दी कि पंडित जी ने सुबह कहा था कि वह गांव जा रहे हैं, लेकिन वह दोबारा से मंदिर में आए और फिर निकल गए। दो महीने से मान साहब, शंकर जोशी, अशोक झालानी, शंकर स्वामी, दिनेश धारीवाल परेशान कर रहे थे। पंडित बिना स्वार्थ के यहां पर पूजा किया करते थे। किसी से पैसा नहीं लेते थे, उसके बाद भी ये लोग उन्हें परेशान किया करते थे।