लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने सपा और बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि विरोधी दलों के नेता रोटी-रोजगार, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को छोड़कर धार्मिक-जातिय भेदभाव और नफरती बातों के आधार पर वोट मांग रहे हैं. बसपा सुप्रीमो ने इसको लेकर शनिवार को दो द्वीट किए।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, ” यूपी चुनाव में विरोधी पार्टियों का जनविरोधी चाल, चरित्र, चेहरा एवं दोमुहापन पुनः उजागर. वे रोजी-रोजगार, बेरोजगारी व महंगाई आदि की पहाड़ जैसी समस्याओं को दूर कर अच्छेदिन की बात नहीं बल्कि धार्मिक-जातीय भेदभाव व नफरती बातें करके वोट माँग रहे हैं, जो कतई भी उचित नहीं है।
यूपी विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से धर्म व जाति की राजनीति हावी है व मीडिया में भी ऐसी ख़बरें भरी पड़ी रहती हैं उससे ऐसा लगता है कि यह सब सपा व बीजेपी की अन्दरुनी मिलीभगत के तहत ही हो रहा है और वे चुनाव को हिन्दू-मुस्लिम व जातीय नफरती रंग देना चाहती हैं। जनता सतर्क रहे।
अपने दूसरे ट्वीट में मायावती ने लिखा, ”यूपी की जनता ने पहले सपा और फिर भाजपा की सत्ता के पिछले 10 साल जंगलराज, अराजकता, अहंकार, जातीय व धार्मिक द्वेषपूर्ण भेदभाव आदि के बहुत संकट भरे गुजारे हैं. इसीलिए अब इनके किसी भी लुभावने वादों एवं बहकावों आदि में नहीं आएं तो बेहतर है।
यूपी की जनता ने पहले सपा और फिर भाजपा की सत्ता के पिछले 10 साल जंगलराज, अराजकता, अहंकार, जातीय व धार्मिक द्वेषपूर्ण भेदभाव आदि के बहुत संकट भरे गुजारे हैं। इसीलिए अब इनके किसी भी लुभावने वादों एवं बहकावों आदि में नहीं आएं तो बेहतर।
इससे पहले शुक्रवार को मायावती ने चुनाव प्रचार को लेकर मीडिया पर भी आरोप लगाए थे. उन्होंने एक ट्वीट में जनता को आगाह करते हुए लिखा था, ”यूपी विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से धर्म व जाति की राजनीति हावी है व मीडिया में भी ऐसी ख़बरें भरी पड़ी रहती हैं उससे ऐसा लगता है कि यह सब सपा व बीजेपी की अन्दरुनी मिलीभगत के तहत ही हो रहा है और वे चुनाव को हिन्दू-मुस्लिम व जातीय नफरती रंग देना चाहती हैं. जनता सतर्क रहे.”
उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में इस बार बसपा अकेले ही मैदान में है. बसपा ने अबतक करीब 200 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है. अपनी चुनावी व्यस्तताओं को ध्यान में रखकर पार्टी प्रमुख मायावती ने चुनाव न लड़ने की घोषणा की है।