यूपी के जनपद चंदौली से भ्रष्टाचार की एक बड़ी खबर सामने आई है। पूरा मामला चंदौली जिले के शहाबगंज विकास खण्ड अंतर्गत बड़ौरा गाँव का हैं। जहाँ पूर्व प्रधान पौधारी देवी और तत्कालीन पंचायत सचिव विकाश सिंह ने लगभग तीन सौ शौचालयों का कागज पर निर्माण दिखाकर सरकार के लाखों रुपए हड़प लिए। जबकि स्थानीय नागरिकों के द्वारा पिछले दो साल से मुख्यमंत्री पोर्टल के माध्यम से शौचालय निर्माण में किये गए धांधली का शिकायत की जा रही थी।
458 शौचालय में 143 शौचालय निर्मित
लेकिन अधिकारियों ने सेक्रेटरी विकास सिंह को बचाने की हर सम्भव कोशिश की। दो साल तक अधिकारी मामले को टरकाते रहे। थकहार कर शौचालय गबन मामले में डीएम से शिकायत की गई। डीएम के आदेश के बाद एडीओ पंचायत अरविंद सिंह के द्वारा टीम गठित कर गाँव में शौचालय की जाँच करायी गई। एडीओ पंचायत की जाँच में 458 शौचालय में 143 शौचालय निर्मित और 27 शौचालय अर्ध निर्मित पाया गया।

जबकि लगभग तीन सौ शौचालयों का निर्माण कागज पर दिखाकर सेक्रेटरी विकाश सिंह और पूर्व प्रधान ने हड़प लिए। मजे की बात ये है कि शिकायत सही पाए जाने के बाद भी अभी तक भ्रस्ट प्रधान और सेक्रेटरी पर कोई कार्यवाही नहीं किया गया।
दोषियों को मिली क्लीन चिट
वहीं मामला सामने के बाद सेक्रेटरी विकाश सिंह ने अपना ट्रांसफर सकलडीहा ब्लॉक में करवाकर चैन की बंसी बजा रहा है। विकाश सिंह शहाबगंज ब्लॉक को लूटकर चला गया और उसके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं किया गया। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि मामला सामने आने पर भ्रस्ट सेक्रेटरी और पूर्व प्रधान पर अधिकारी कार्यवाही करते हैं या इनके रसूख के चलते दोषियों को क्लीन चिट दे कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं।

जहाँ एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार गरीबों की भलाई के लिए आवास, शौचालय जैसी कई महत्वपूर्ण योजनायें चला रही है। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में स्वच्छ भारत मिशन योजना गरीबों के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो रही है। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत सरकार शौचालय पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। ताकि गरीबों को खुले में शौच के लिए न जाना पड़े। सरकार की स्वच्छ भारत मिशन योजना गरीबों के लिए काफी हद तक लाभकारी साबित हो रही है। लेकिन कुछ भ्रस्ट सरकारी नुमाइन्दे सरकार के मंशा को पलीता लगा रहे हैं।
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