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शहीद जवानों के सम्मान की बात हो या चीन को सबक सिखाने की, रक्षामंत्री रहते हुए मुलायम सिंह ने लिए थे ये बड़े फैसले

Mulayam Singh Yadav: शहीद जवानों के सम्मान की बात हो या चीन को सबक सिखाने की, रक्षामंत्री रहते हुए मुलायम सिंह ने लिए थे ये बड़े फैसले

समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया। 82 साल की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। सपा संरक्षक के निधन से सभी को बड़ा झटका लगा है। जिसके चलते देशभर में शोक की लहर है। बता दें कि उनके पार्थिव शरीर को एक्सप्रेस-वे से होते हुए सीधा पैतृक गांव सैफई ले जाया गया है। ग्रहमंत्री अमित शाह और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर नेता जी के अंतिम दर्शनों के लिए मेदांता अस्पताल पहुंचे थे। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत कई दिग्गज नेताओं ने मुलायम के निधन पर शोक व्यक्त किया।

मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद परिवार समेत पूरा यूपी शोक में डूबा है। उनके अच्छे स्वास्थ्य की दुवाओं के बीच नेता जी गुरूग्राम के मेंदाता में अतिंम सांस ली। सुत्रों के मुताबिक धरती पुत्र को पहले लखनऊ लेकर जाने का प्लान था। लेकिन अब उनका अंतिम संस्कार उत्तर प्रदेश में उनके पैतृक गांव सैफई में कल करीब 3 बजे किया जाएगा। सपा कार्यालय से ट्वीट कर इसकी जानकारी दी गई है। नेता का पार्थिव शरीर उनके सैफई आवास के पंडाल में अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा।

आपको बता दें, 60 के दशक में जब देश में राम मनोहर लोहिया समाजवाद का झंडा बुलंद कर रहे थे, तो उस समय उनके साथ कई ऐसे लोग जुड़े जिन्होने आगे चलकर इस समाजवाद को अपना मिशन बना लिया। उसी में से एक थे ‘नेता जी’ यानी मुलायम सिंह यादव। समाजवादी विचारधारा उनके मन को रम चुकी थी। डॉ. राम मनोहर लोहिया की संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी में मुलायम सिंह यादव सक्रिय सदस्य रहे। राजनीति के शुरुआती चरण में ‘नेताजी’ का वो किस्सा जिसे सुनकर सभी हैरान रह जाते है। दरअसल, एक बार उन्हें विधायक बनाने के लिए पूरे गांव वालों ने उपवास रखा था। इतना ही नहीं गांव वालों ने चंदा इकट्ठा करके गाड़ी और ईंधन की व्यवस्था की ताकि, मुलायम प्रचार के लिए जा सकें। जिसके बाद मुलायम विधायक ही नहीं बल्कि तीन बार सूबे के सीएम बने और केंद्र में रक्षा मंत्री तक का सफर तय किया था।

मुलायम सिंह यादव देवेगौड़ा और फिर इंद्र कुमार गुजराल की सरकार में 1996 से 1998 के बीच दो साल तक भारत के रक्षा मंत्री रहे। जिसके चलते उन्होंने कई अह्म फैसले लिए थे। जिसके कारण उन्होंने चीन के पसीने छुड़ा दिए थे। ‘नेता जी’ देश के पहले रक्षा मंत्री थे, जो सियाचिन ग्लेशियर पर गए थे। उनका कहना था कि भारत के लिए पाकिस्तान से बड़ा दुश्मन चीन है। हमें चीन के मुकाबले तैयार होने की जरूरत है। जानिए ‘नेता जी’ के उन फैसलों के बारे में जिसके कारण सेना ने उन्हें बेस्ट रक्षा मंत्री का आर्डर दिया था।

1- शहीद जवान का पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ उसके घर ले जाया जाएगा

पहले भारतीय सेना के लिए अलग नियम हुआ करते थे। जब भी सेना का कोई जवान शहीद होता था, तो उसका पार्थिव शरीर उसके घर नहीं पहुंचाया जाता था। शहीद जवान का अंतिम संस्कार सेना के जवान खुद करते थे और याद में जवान के घर उसकी टोपी भेज दी जाती थी।
वहीं, मुलायम सिंह के रक्षामंत्री की कमान संभालने के बाद सबसे पहले इसी को लेकर फैसला लिया। उन्होंने कानून बनाया कि जब भी कोई जवान शहीद होगा तो उसका पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ उसके घर ले जाया जाएगा। डीएम और एसएसपी शहीद जवान के पार्थिव शरीर के साथ उसके घर जाएंगे।

2- कांप उठा था चीन

मुलायम सिंह यादव ने भारत के लिए पाकिस्तान से बड़ा दुश्मन चीन को बताया है। उनका कहना था कि अगर भारत को आगे बढ़ना है तो उसे चीन के मुकाबले मजबूत होना पड़ेगा। उनका कहना था कि पाकिस्तान असल में भारत का दुश्मन नहीं है। ‘नेता जी’ खुले मंच से चीन की खिलाफत करते रहते थे। बता दें, मुलायम के रक्षामंत्री रहते हुए बॉर्डर पर भारतीय सेना ने चीन को चार किलोमीटर पीछे ढ़केल दिया था।

3- पाकिस्तान ने दो सालों में नहीं किया सीजफायर

रक्षामंत्री रहते हुए नेता जी ने घुसपैठ रोकने के लिए काफी सख्ती बना रखी थी। वहीं, लोगों के बीच एक बात आज तक काफी चर्चा में रही। कहा जाता है कि नेता जी के दो साल के कार्यकाल में पाकिस्तान ने सीजफायर नहीं किया था।

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