Syaahi aur Siyasat Kavi Sammelan: स्याही और सियासत के साहित्यिक मंच से इस बार शब्दों की बौछार नहीं, शब्दों के गोले चले और निशाने पर था पाकिस्तान। जब मंच पर ऑपरेशन सिंदूर की बात आई, तो कवियों ने एक सुर में उन आवाज़ों की आलोचना की, जो सेना की कार्रवाई पर सवाल उठा रही थीं। लेकिन बात यहीं नहीं रुकी कई कवियों ने पाकिस्तान को सीधा संदेश देते हुए, अपनी कविताओं के जरिए ऐसी चोट की कि शब्द भी हथियार बन गए।
EDITION
🇮🇳 IN ▼
1