आजकल मोबाइल पर आने वाले फर्जी SMS और लिंक लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बनते जा रहे हैं। साइबर ठग अब ट्रैफिक चालान के नाम पर ऐसे मैसेज भेज रहे हैं, जो बिल्कुल सरकारी नोटिस जैसे दिखते हैं। हाल ही में एक व्यक्ति को ₹500 के ट्रैफिक चालान का SMS आया और जैसे ही उसने लिंक पर क्लिक किया, कुछ ही मिनटों में उसके खाते से करीब ₹6 लाख गायब हो गए। यह मामला बताता है कि छोटी सी लापरवाही कितना बड़ा नुकसान करा सकती है।
पुलिस के मुताबिक पीड़ित को एक SMS मिला, जिसमें लिखा था कि उसके वाहन पर ₹500 का ट्रैफिक चालान लगा है।
मैसेज में चालान भरने के लिए एक लिंक दिया गया था
लिंक खोलने पर एक वेबसाइट खुली, जो सरकारी पोर्टल जैसी लग रही थी
जैसे ही व्यक्ति ने पेमेंट डिटेल डालने की कोशिश की, ठगों को उसके मोबाइल और बैंकिंग जानकारी तक पहुंच मिल गई
कुछ ही देर में बिना अनुमति कई ट्रांजैक्शन हुए और करीब 6,900 यूरो (लगभग ₹6 लाख) उसके खाते से निकल गए।
साइबर ठग इस तरह करते हैं ठगी
फर्जी वेबसाइट और खतरनाक लिंक
साइबर क्राइम पुलिस के अनुसार,
ठग नकली वेबसाइट बनाते हैं जो असली सरकारी साइट जैसी दिखती हैं
ऐसे लिंक मोबाइल में खतरनाक सॉफ्टवेयर (मैलवेयर) इंस्टॉल कर सकते हैं
इससे अपराधी फोन को कंट्रोल कर लेते हैं और बैंकिंग ऐप तक पहुंच बना लेते हैं
पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस की चेतावनी: ऐसे पहचानें फर्जी चालान मैसेज
पुलिस और साइबर एक्सपर्ट्स ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
1. किसी भी SMS लिंक पर भरोसा न करें
ट्रैफिक पुलिस या परिवहन विभाग SMS में सीधा पेमेंट लिंक नहीं भेजता
WhatsApp, ईमेल या SMS से आए लिंक पर क्लिक करने से बचें
2. चालान हमेशा आधिकारिक वेबसाइट पर ही जांचें
चालान की जानकारी केवल Parivahan वेबसाइट
या राज्य ट्रैफिक पुलिस की आधिकारिक साइट पर ही देखें
लिंक पर क्लिक करने की बजाय खुद वाहन नंबर डालकर जांच करें
3. संदिग्ध मैसेज की पहचान करें
अनजान नंबर से आए मैसेज
गलत स्पेलिंग या अधूरी जानकारी
डर या जल्दबाजी दिखाने वाले शब्द
ऐसे मैसेज तुरंत शक के घेरे में रखें।
क्या बिल्कुल भी न करें
अनजान वेबसाइट पर
कार्ड नंबर
PIN
OTP
UPI डिटेल
कभी भी दर्ज न करें
SMS या लिंक से किसी भी ऐप को डाउनलोड न करें
ट्रैफिक से जुड़ी ऐप्स केवल ऑफिशियल ऐप स्टोर से ही इंस्टॉल करें
अगर ऐसा मैसेज आए तो क्या करें?
अगर आपको कोई संदिग्ध ट्रैफिक चालान मैसेज मिले:
लिंक पर क्लिक न करें
तुरंत रिपोर्ट करें
नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर
या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें
अपने मोबाइल और ऐप्स को अपडेट रखें
बैंकिंग ऐप्स में टू-स्टेप वेरिफिकेशन चालू रखें
पुलिस ने दोहराया है कि कोई भी पुलिस या परिवहन विभाग SMS से तुरंत पेमेंट की मांग नहीं करता।
FAQs
Q1. क्या ट्रैफिक पुलिस SMS में चालान का पेमेंट लिंक भेजती है?
नहीं, ट्रैफिक पुलिस कभी भी SMS या WhatsApp में डायरेक्ट पेमेंट लिंक नहीं भेजती।
Q2. असली ट्रैफिक चालान कैसे चेक करें?
आप केवल Parivahan वेबसाइट या राज्य ट्रैफिक पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर वाहन नंबर डालकर चालान जांच सकते हैं।
Q3. अगर लिंक पर क्लिक हो जाए तो क्या करें?
तुरंत बैंक को जानकारी दें, साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें और पासवर्ड बदलें।
Q4. फर्जी मैसेज की सबसे बड़ी पहचान क्या है?
अनजान नंबर, गलत भाषा, जल्दी पेमेंट का दबाव और संदिग्ध लिंक।
Q5. क्या UPI या कार्ड डिटेल डालना सुरक्षित है?
सिर्फ आधिकारिक और भरोसेमंद वेबसाइट पर ही, अनजान साइट पर कभी नहीं।



