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Windows और Mac यूजर्स सावधान, Chrome की खामी से बढ़ा साइबर अटैक का जोखिम

भारत सरकार और CERT-In की चेतावनी को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। Google Chrome में पाई गई यह सुरक्षा खामी यूजर्स के डेटा और सिस्टम दोनों के लिए बड़ा खतरा है।

Deepali Kaur by Deepali Kaur
December 23, 2025
in Tech
google chrome

google chrome

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भारत सरकार ने एक बार फिर इंटरनेट यूजर्स को सतर्क किया है। इस बार चेतावनी Google Chrome ब्राउज़र से जुड़ी एक गंभीर सुरक्षा खामी को लेकर है, जिसका गलत इस्तेमाल कर साइबर हमलावर दूर बैठे किसी भी यूजर के सिस्टम पर हमला कर सकते हैं। यह अलर्ट देश की आधिकारिक साइबर सुरक्षा एजेंसी Indian Computer Emergency Response Team (CERT-In) की ओर से जारी किया गया है। अगर आप Windows, macOS या Linux पर Chrome इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है।

CERT-In ने क्यों जारी किया हाई-सीवेरिटी अलर्ट

CERT-In ने 19 दिसंबर को जारी अपनी एडवाइजरी में Chrome ब्राउज़र में मौजूद कई गंभीर कमजोरियों की जानकारी दी है। इन खामियों को “High Severity” श्रेणी में रखा गया है, यानी अगर समय रहते इन्हें ठीक न किया जाए, तो यूजर्स को बड़ा नुकसान हो सकता है।

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एजेंसी के मुताबिक, Chrome के कुछ तकनीकी हिस्सों में ऐसी कमियां पाई गई हैं जिनका फायदा उठाकर हैकर यूजर के सिस्टम तक पहुंच बना सकता है।

Chrome में पाई गई मुख्य सुरक्षा कमजोरियां

CERT-In की रिपोर्ट के अनुसार, Chrome ब्राउज़र में ये प्रमुख तकनीकी समस्याएं सामने आई हैं:

  • V8 इंजन में Out-of-bounds read और write की समस्या

  • WebGPU में Use-after-free से जुड़ी खामी

  • खास तरह से बनाई गई या संक्रमित वेबसाइट पर जाने से खतरा

इन कमजोरियों के जरिए हमलावर यूजर को किसी खतरनाक वेबपेज पर जाने के लिए फंसा सकता है, जिसके बाद सिस्टम पर रिमोट अटैक संभव हो जाता है।

किन Chrome वर्जन पर सबसे ज्यादा खतरा

CERT-In ने साफ तौर पर बताया है कि नीचे दिए गए वर्जन इस्तेमाल करने वाले यूजर्स सबसे ज्यादा जोखिम में हैं:

  • Windows के लिए Google Chrome वर्जन 143.0.7499.146/.147 से पुराने

  • macOS के लिए Google Chrome वर्जन 143.0.7499.146/.147 से पुराने

  • Linux के लिए Google Chrome वर्जन 143.0.7499.146 से पुराने

अगर आपका ब्राउज़र इन वर्जन से पुराना है, तो आपका सिस्टम साइबर अटैक का शिकार बन सकता है।

कौन हो सकता है हमले का निशाना

इस तरह के रिमोट अटैक में कोई भी सुरक्षित नहीं है। हमलावर:

  • आम व्यक्तिगत यूजर्स

  • ऑफिस या कंपनी के कर्मचारी

  • बिजनेस और कॉरपोरेट नेटवर्क

किसी को भी निशाना बना सकते हैं। खासतौर पर वे यूजर्स जो रोजाना इंटरनेट ब्राउज़िंग, ऑनलाइन बैंकिंग या ऑफिस वर्क के लिए Chrome का इस्तेमाल करते हैं।

Chrome को सुरक्षित रखने के लिए तुरंत क्या करें

CERT-In की सलाह बेहद साफ है—Chrome ब्राउज़र को तुरंत अपडेट करें। नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करें:

  1. Chrome ब्राउज़र खोलें

  2. ऊपर दाईं ओर मौजूद तीन डॉट्स पर क्लिक करें

  3. “Help” विकल्प चुनें

  4. “About Google Chrome” पर क्लिक करें

  5. Chrome खुद-ब-खुद अपडेट चेक करेगा

  6. अपडेट मिलने पर अपने आप इंस्टॉल हो जाएगा

  7. अपडेट पूरा होने के बाद ब्राउज़र रीस्टार्ट करें

Google की ओर से क्या कहा गया

Google ने भी इन खामियों को स्वीकार करते हुए Chrome के लिए सिक्योरिटी अपडेट जारी कर दिया है। कंपनी ने बताया है कि इन जोखिमों की गहराई से जांच की गई और नए अपडेट में इन्हें पूरी तरह ठीक कर दिया गया है।

क्यों जरूरी है समय पर ब्राउज़र अपडेट

  • साइबर हमलों से सुरक्षा

  • पर्सनल और फाइनेंशियल डेटा की रक्षा

  • बेहतर परफॉर्मेंस और स्टेबिलिटी

  • नए सिक्योरिटी फीचर्स का लाभ

समय पर अपडेट न करने से आपका सिस्टम हैकर्स के लिए आसान निशाना बन सकता है।

FAQs

Q1. क्या यह Chrome की खामी मोबाइल यूजर्स के लिए भी खतरनाक है?
अभी CERT-In की चेतावनी डेस्कटॉप प्लेटफॉर्म (Windows, macOS, Linux) के लिए जारी की गई है।

Q2. अगर Chrome अपडेट न करें तो क्या हो सकता है?
बिना अपडेट के ब्राउज़र इस्तेमाल करने पर हैकर आपके सिस्टम पर रिमोट अटैक कर सकता है।

Q3. क्या ऑटो-अपडेट से समस्या अपने आप ठीक हो जाएगी?
हां, अगर Chrome ऑटो-अपडेट ऑन है, तो लेटेस्ट वर्जन इंस्टॉल होते ही सुरक्षा जोखिम कम हो जाएगा।

Q4. क्या सिर्फ Chrome यूजर्स को ही खतरा है?
इस अलर्ट में फिलहाल सिर्फ Google Chrome ब्राउज़र का जिक्र किया गया है।

Q5. CERT-In क्या करता है?
CERT-In भारत सरकार की आधिकारिक साइबर सुरक्षा एजेंसी है, जो डिजिटल खतरों से जुड़ी चेतावनियां जारी करती है।

Tags: Google Chrome
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Deepali Kaur

Deepali Kaur

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