Uber Auto : उबर ने मंगलवार को अपने किराया मॉडल में महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसके तहत अब ऑटो चालकों से कोई कमीशन नहीं लिया जाएगा। इसके बदले, उबर अब एक सदस्यता शुल्क प्रणाली लागू कर रही है, जो नम्मा यात्री और रैपिडो के समान होगी। इस बदलाव के कारण यात्री अब उबर ऑटो ड्राइवर से किराए पर मोल-भाव कर सकेंगे। ऐप पर दिखाया जाने वाला किराया केवल एक अनुमान होगा, जबकि अंतिम किराया ड्राइवर और यात्री के बीच बातचीत पर निर्भर करेगा। उबर अब इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
उबर ने अपने प्लेटफॉर्म पर ऑटोरिक्शा की सवारी को सस्ता और सरल बनाने के लिए ये कदम उठाए हैं। इसके साथ ही, ऑटो चालकों को भी अपनी कमाई बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
ऑटो चालकों से नहीं लिया जाएगा कमीशन
उबर अब ऑटोरिक्शा चालकों से किसी भी प्रकार का कमीशन नहीं लेगा। इसके बजाय, यह सब्सक्रिप्शन आधारित मॉडल अपनाएगा, जिससे ड्राइवरों को हर ट्रिप पर पूरी कमाई मिलेगी। इस बदलाव से ड्राइवरों को अपनी आजादी मिलती है और उन्हें हर राइड की पूरी कमाई अपने पास रखने का मौका मिलेगा।
कैश पेमेंट मिलेगा विकल्प
उबर ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऑटो राइड्स के लिए सिर्फ कैश में ही पेमेंट किया जाएगा। खासकर उन शहरों में, जैसे दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू, जहां ऑटो ड्राइवर राइड कैंसिल करने या कैश पेमेंट की मांग करते हैं, उबर ने यह कदम उठाया है।
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ड्राइवरों को क्या मिलेगा फायदा?
- अब ड्राइवरों को राइड पर कमीशन नहीं देना होगा।
- वे हर ट्रिप की पूरी कमाई अपने पास रख सकेंगे।
- उबर अब सिर्फ एक मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा, जिससे ड्राइवरों को ज्यादा स्वतंत्रता मिलेगी।
- किराया ड्राइवर और यात्री की आपसी सहमति से तय होगा।
हाल ही में उबर और ओला जैसी कंपनियों के खिलाफ ड्राइवरों ने कई हड़तालें की थीं, जिनका मुख्य कारण था इन कंपनियों द्वारा लिए गए उच्च कमीशन शुल्क, जिससे ड्राइवरों की आमदनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता था। अब सब्सक्रिप्शन मॉडल से इस समस्या का समाधान हो सकता है।