नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान यानी इसरो का बहुत ही महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट मिशन चांद के तहत चंद्रयान-3 के लिए आज बहुत खास दिन है. चांद के दक्षिणी पोल पर इसकी लैंडिंग होने वाली है, लैंडिंग की प्रक्रिया शाम 5.45 बजे से शुरु होने वाली है. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि चांद का दक्षिणी ध्रुव इतना खास क्यों है.
दक्षिणी ध्रुव में पानी और बर्फ का भंडार
चांद के दक्षिणी ध्रुव में लैंड करने वाला भारत पहला देश बनने वाला है. चांद के इस हिस्से में अभी तक किसी भी देश ने कदम नहीं रखा है. ये हिस्सा इसलिए इतना खास है, क्योंकि यहां पर बर्फ और पानी के बड़े भंडार हैं. इन भंडारों की वजह से पेयजल, ऑक्सीजन और रॉकेट ईंधन के मद्देनजर हाइड्रोजन जैसे संसाधनों में तब्दील किया जा सकता है.
4 देशों के ग्रुप में शामिल होगा भारत
बता दें कि चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक लैंडिग होने के साथ ही भारत का नाम दुनिया के टॉप-4 देशों में जुड़ जाएगा. अभी तक चांद पर रूस, अमेरिका और चाइना ने अपने मिशन भेजे हैं. ऐसे में इसमें भारत का नाम भी जुड़ जाएगा.