MCD Ward: दिल्ली नगर निगम में बुधवार (4 सितंबर) को वार्ड समिति के चुनाव होने हैं। स्थायी समिति के चुनावों के लिहाज से वार्ड समिति के चुनावों को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यही कारण है कि एक बार फिर से दिल्ली में आम आदमी पार्टी और दिल्ली एलजी के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। मंगलवार रात तक मेयर ने चुनावों के लिए प्रोसिडिंग अधिकारी नियुक्त नहीं किया था, जिससे चुनावों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
एलजी के इस रवैये ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या चुनाव आज पूर्व निर्धारित समय पर होंगे या नहीं। मंगलवार रात को दिल्ली एलजी ने इस मामले में समय पर चुनाव कराने के आदेश जारी किए।
मेयर ने चुनाव अधिकारी नियुक्त करने से इनकार किया
दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने बुधवार को होने वाले वार्ड समिति के चुनावों के लिए प्रोसिडिंग (MCD Ward) अधिकारी नियुक्त करने से इनकार कर दिया, जिसका कारण यह बताया जा रहा है कि कई पार्षदों को केवल एक दिन का नोटिस देने के कारण नामांकन पत्र दाखिल करने में असमर्थता हुई। मेयर के अनुसार, नामांकन प्रक्रिया के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए था। मेयर का आरोप है कि उनके निर्देशों के बावजूद, चुनाव की अधिसूचना जारी करने में नगर निगम के सचिव को पांच दिन लग गए, तो नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए सिर्फ एक दिन कैसे मिलेगा?
मेयर ने यह भी कारण दिया कि एमसीडी के इतिहास में, नामांकन दाखिल करने के लिए कभी भी इतना कम समय नहीं दिया गया है। आदेश में, मेयर ने आयुक्त को चुनाव प्रक्रिया को पुनः शुरू करने का आदेश दिया है और नामांकन दाखिल करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का नोटिस देने की बात कही है।
भाजपा ने आम आदमी पार्टी को घेरा
मंगलवार रात को मेयर के प्रोसिडिंग अधिकारी नियुक्त नहीं करने के आदेश पर, एमसीडी में भाजपा नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने मेयर और आम आदमी पार्टी को घेरते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी एमसीडी में काम नहीं करने दे रही है और भाजपा चुनाव जीत रही है। यही कारण है कि मेयर ने यह अधिसूचना जारी की।
एलजी के हस्तक्षेप से चुनाव का रास्ता साफ हुआ
दिल्ली नगर निगम के प्रशासक एलजी हैं, जिन्होंने अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए जोनल डिप्टी कमिश्नर को प्रोसिडिंग (MCD Ward) अधिकारी नियुक्त किया। इस पर निगम सचिवालय ने चुनाव के लिए नोटिस जारी किया। यानी मेयर के प्रोसिडिंग अधिकारी नियुक्त नहीं कर पाने की स्थिति में, दिल्ली के एलजी ने प्रोसिडिंग अधिकारी नियुक्त किया। इसलिए, चुनाव समय पर होंगे। यानी एक बार फिर से दिल्ली के एलजी और आम आदमी पार्टी के बीच अड़चन का मुद्दा उठा है।
यह है राजनीतिक समीकरण
बुधवार को दिल्ली में 12 वार्ड समिति और स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव होना है। इन चुनावों से यह तय होगा कि दिल्ली नगर निगम की सबसे शक्तिशाली मानी जाने वाली स्थायी समिति में किसका वर्चस्व होगा। हालांकि एमसीडी हाउस में आम आदमी पार्टी का बहुमत है, लेकिन अलग-अलग वार्ड समितियों में संख्या भिन्न है। 10 अल्डरमेन भी वार्ड समिति में वोट दे सकते हैं, जिनकी नियुक्ति का अधिकार सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को दिया है।
एलजी ने उन वार्ड समितियों में इन अल्डरमेन की नियुक्ति की है, जहां आम आदमी पार्टी का मामूली बहुमत था। साथ ही, दिल्ली नगर(MCD Ward) निगम में दल-बदल कानून लागू नहीं है, इसलिए आम आदमी पार्टी को भी डर है कि भाजपा उसके कुछ पार्षदों को अपनी तरफ कर सकती है। ऐसे में भाजपा 12 में से 7 या 8 वार्ड समितियों पर कब्जा कर सकती है।
UP Assembly: क्या उपचुनावों में बुलडोज़र करेगा अखिलेश का बेड़ा पार?
इस आशंका को देखते हुए, मेयर ने नामांकन दाखिल करने के लिए उम्मीदवारों को समय नहीं मिलने का हवाला देते हुए प्रोसिडिंग अधिकारी नियुक्त करने से इनकार कर दिया, लेकिन उपराज्यपाल ने तुरंत पिछले साल संसद में कानून में संशोधन के माध्यम से उन्हें दिए गए अधिकार का उपयोग करते हुए एमसीडी आयुक्त के माध्यम से प्रोसिडिंग अधिकारी नियुक्त कर दिया। अब यह चुनाव बुधवार को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच होना है।