नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी के दिन यानी 19 सितंबर को नए संसद भवन में नई शुरूआत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। हालांकि इस विशेष सत्र का मुख्य एजेंडा क्या है? इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
19 सितंबर को नए संसद भवन में ‘श्रीगणेश’
केंद्र की मोदी सरकार ने 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद में विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र की शुरूआत 18 सितंबर को पुराने संसद भवन में होगी, लेकिन अगले दिन 19 सितंबर से नए संसद भवन में सत्र और सभी कार्य की शुरूआत होगी। विशेष सत्र 22 सितंबर तक चलेगा। इसी सत्र को क्यों बुलाया गया है? इस विशेष सत्र का एजेंडा क्या है, इसकों लेकर सिर्फ अटकले लगाई जा रही है।अभी तक सरकार ने इसकों लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। हालांकि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने 24 विपक्षी दलों की सहमती से पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखकर सत्र का एजेंडा बताने को कहा था। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने अभी तक एजेंडा से पर्दा नहीं हटाया।
संसद के विशेष सत्र के एजेंडे को लेकर सस्पेंस
आपकों बता दे कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद का विशेष सत्र बुलाई है, तब विपक्ष अलग-अलग अनुमान लगा है। ऐसे में मंगलवार यानि 5 सितंबर को इंडिया गठबंधन ने अपनी सभी राजनीतिक पार्टियों के साथ बैठक की। इस बैठक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी भी मौजूद थी। सोनिया गांधी ने इंडिया गठबंधन की तरफ से पीएम मोदी को पत्र लिखकर विशेष सत्र के एजेंडा बताने की मांग की। लेकिन केंद्र सरकार ने एजेंडा को लेकर कोई जानकारी नहीं दी।
विपक्ष ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर में बैठक में तय किया कि सरकार को सत्र से पहले एजेंडा बताना होगा। क्योंकि बिना एजेंडा के सत्र का कोई महत्व नहीं रह जाता है। जब विपक्ष को उसमें हिस्सा लेना है तो उन्हें पूरी जानकारी देनी चाहिए। ताकि के सार्थक तरीके से सत्र चल सके। वहीं आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जय राम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेस करके साफ कहा कि अगर संसद का विशेष सत्र सरकारी एजेंडा पर आधारित है तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। इस विशेष सत्र विपक्ष फिर से मणिपुर, बेरोजगारी,महंगाई और सीमा सुरक्षा जैसे मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी कर सकता है।