Rajasthan News : राजस्थान के जालौर जिले की रहने वाली 27 वर्षीय प्रियंका उर्फ पीहू ने जिंदगी की जंग हारने से पहले उसे पूरी तरह जीने की मिसाल पेश की। हड्डियों के कैंसर (Ewing Sarcoma) से पीड़ित पीहू ने 2 सितंबर को इस दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उससे पहले अपने आखिरी जन्मदिन को मुस्कुराहटों से भर दिया। मौत से कुछ दिन पहले अस्पताल में पीहू ने अपने पिता से कहा, “पापा, प्लीज़ एक केक ले आइए। मैं चाहती हूं कि मेरे जीवन के अंतिम पल हंसते-हंसते गुजरें।” पिता के लाए केक को पीहू ने मुस्कुराते हुए काटा, सबको खिलाया और कहा, “मैं रोते हुए नहीं, बल्कि हंसते हुए दुनिया से विदा लेना चाहती हूं।”
उनकी इस इच्छा ने वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम कर दीं, लेकिन पीहू की मुस्कान दिलों को छू गई।
पढ़ाई में तेज और ज़िंदगी में ज़िम्मेदार थी प्रियंका
17 फरवरी 1998 को पाचनवा गांव, जालौर में जन्मी पीहू शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल थीं। उन्होंने कर्नाटक के हुबली से BBA की पढ़ाई पूरी की और इसके साथ ही चार्टर्ड अकाउंटेंसी की परीक्षा भी पास की। 26 जनवरी 2023 को उनका विवाह लक्ष्यराज सिंह भाटवास से हुआ। परिवार के अनुसार, पीहू ना सिर्फ होशियार थीं, बल्कि बेहद जिम्मेदार भी थीं। वे अपने परिवार की रीढ़ बनी रहीं और हर कठिनाई में सबका सहारा बनीं।
ऐसे शुरू हुई बीमारी की कहानी
शादी के कुछ समय बाद पीहू को पैरों में हल्का दर्द महसूस हुआ, जिसे शुरुआत में आम थकावट समझा गया। लेकिन जब दर्द बढ़ता गया और दवाइयों व फिजियोथेरेपी से भी राहत नहीं मिली, तो जांच में पता चला कि उनकी रीढ़ की हड्डी में गांठ है। मार्च 2023 में पहली सर्जरी हुई और जांच में कैंसर की पुष्टि हो गई।
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इलाज का लंबा दौर शुरू हुआ — कीमोथेरेपी, सर्जरी, अस्पताल के चक्कर और दर्द… लेकिन इन सबके बीच भी पीहू ने अपनी हिम्मत और मुस्कान नहीं खोई। पीहू की अंतिम विदाई सिर्फ एक मौत नहीं थी, वह एक प्रेरणा थी — कि ज़िंदगी चाहे जितनी भी छोटी हो, उसे जीने का जज़्बा बड़ा होना चाहिए। उनकी कहानी हर उस इंसान के लिए एक सबक है जो मुश्किलों के आगे हार मानने लगता है।