नई दिल्ली। पीएम मोदी विदेशी दौरे के बाद भारत लौटें। भारत आने के बाद वो सीधे मिशन चंद्रयान-3 से जुड़े वैज्ञानिकों से मिले। इस दौरान पीएम ने इसरो वैज्ञानिकों के जज्बे को सलाम किया। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया की ISRO के वैज्ञानिको ने कठिनाइयों को कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक की सहायता ली । एक आर्टिफिशियल मून बनाया और सॉफ्ट लैंडिंग की प्रैक्टिस की।
साउथ अफ्रीका और ग्रीस दौरे से वापस आए पीएम
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार की सुबह साउथ अफ्रीका और ग्रीस के दौरे के बाद सीधे कर्नाटक के बेंगलुरु पहुंचे। जहां वे मून मिशन से जुड़े वैज्ञानिको से मिले और उनको बधाई दी। प्रधानमंत्री ने इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ को गले लगाया और उनसे मिशन से जुड़ी पूरी प्रोसेस की जानकारी ली। पीएम ने जब इसरो कमांड सेंटर में वैज्ञानिकों को संबोधित किया तो शुरुआत में वे भावुक हो गए, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मून मिशन की कामयाबी मिलने के बाद वो यहां आने को व्याकुल थे। पीएम ने एक नया नारा दिया “जय विज्ञान जय अनुसंधान”, साथ ही उन्होंने वहां रोड शो भी किया ।
चांद पर भारत के तिरंगे का नामकरण
प्रधानमंत्री ने कहा की चंद्रयान-3 जहां उतरा है भारत ने उसका नामकरण करने को तय किया है। जिस स्थान पर चंद्रयान का लैंडर उतरा है अब उस पॉइंट को ‘शिवशक्ति’ के नाम से जाना जाएगा पीएम ने इस नाम को रखने के पीछे की वजह भी बताई कि शिव में मानवता के कल्याण का संकल्प समाहित है। शक्ति से हमें उन संकल्प को पूरा करने का क्षमता मिलता है।
ISRO ने बनाया आर्टिफिशियल मून
प्रधानमंत्री ने कहा आपने जो साधना की है, वो देशवासियों को पता होना चाहिए। ये सफर इतना आसान नहीं था। लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग को सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से आर्टिफिशियल मून बनाया और उस पर प्रैक्टिस की, इतनी सारी प्रक्रिया को एग्जामिन करने के बाद विक्रम लैंडर को चांद पर उतारा गया है, तो सफलता मिलना तो तय था।
23 अगस्त के दिन मनाया जाएगा नेशनल स्पेस डे
23 अगस्त को भारत ने चांद पर तिरंगा फहराया था इस दिन को नेशनल स्पेस डे के रूप में मनाया जाएगा । यह दिन हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा कि यदि दृढ़ इच्छा और शक्ति हो तो सफलता अवश्य मिलेगी आज भारत दुनिया का ऐसा चौथा देश बन गया है, जिसने चंद्रमा की सतह पर अपना कदम रखा है।