इस वक्त बांग्लादेश (Bangladesh) में जो हालात बने हुए हैं, उसने एक ऐसे शासक की याद दिला दी है, जिसे बांग्लादेश का कसाई भी कहा जाता है। एक रात में 7 हजार लोगों का नरसंहार 9 महीने में 2 लाख औरतों और लड़कियों का बलात्कार। जी हां ये सारी वो घटना है जो इतिहास के पन्नों में काली शाही से लिखी गई है।
एक बार फिर से बांग्लादेश (Bangladesh) जल रहा है। आरक्षण को लेकर शुरू हुआ ये विवाद इतना बढ़ जाएगा किसी ने सोचा भी नहीं था। 4 लाख लोग सड़कों पर हैं। 300 से ज्यादा मौते हो चुकी हैं। बांग्लादेश में इस भयावह स्थिति के बीच फिर वो पुरानी यादें ताजा होने लगी है, जब टिक्का खान का शासन चला करता था।
बांग्लादेश में बड़ी संख्या में हुई इन मौतों के बाद अब सोशल मीडिया पर बांग्लादेश का कसाई कहे जाने वाले टिक्का खान का जिक्र होने लगा है। ये वहीं टिक्का खान है, जिसे 7 हजार मौतों का जिम्मेदार कहा जाता है। साल 1915 को पाकिस्तान के रावलपिंडी के पास के एक गांव में जन्में टिक्का खान की काली करतूतें इतिहास के पन्नों में आज भी दर्ज है।
पाकिस्तान के पहले थल सेनाध्यक्ष और 4 स्टार जनरल टिक्का खान ने ऐसा कत्लेआम मचाया था, जिसे सुनकर आज भी रूह काप उठती है। रावलपिंडी के गांव में जन्में टिक्का खान ने देहरादून के भारतीय सैन्य अकादमी से पढ़ाई की थी। इसके बाद साल 1935 में टिक्का खान ब्रिटिश भारतीय सेना में भर्ती हो गया था। साल 1940 में कमीशंड ऑफिसर बनने के बाद जर्मनी के खिलाफ दूसरे विश्व युद्ध में हिस्सा लिया।
साल 1947 में जब भारत और पाकिस्तान अलग हुए तो टिक्का खान ने पाकिस्तान को चुना और वहां की सेना में मेजर का पद संभाल लिया था। साल 1965 में हुए भारत-पाक युद्ध में भी टिक्का खान मौजूद रहा था। टिक्का खान के जुल्मों की कहानी साल 1969 में शुरू हुई थी, जब पाकिस्तान में याहा खान ने राष्ट्रपति का पद संभालने था। ये वो वक्त था जब पूर्व पाकिस्तान जिसे अब बांग्लादेश कहा जाता है के अलग होने की मांग तेज होने लगी थी।
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इस मांग को तेज होता हुआ देख और हालात बिगड़ने के बाद टिक्का खान को पूर्वी पाकिस्तान भेज दिया गया था। यहां पहुंचने के बाद टिक्का खान ने सख्त रुख अपनाते हुए इंसानों के साथ जानवर से भी बदतर सलूक किया था। इस दौरान टिक्का खान ने ऑपरेशन सर्चलाइट जारी किया था। टिक्का खान ने एक रात में विरोध को दबाने के लिए 7 हजार लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इस नरसंहार की कहानी लिखने वाले रॉबर्ट पेन ने अपनी किताब में बताया है कि साल 1971 में 9 महीनों के अंदर दो लाख औरतों और लड़कियों का बलात्कार भी किया गया था। यह घटना दुनियाभर में सुर्खियां बनी थी। टाइम मैग्जीन ने टिक्का खान की बर्बरता को बताते हुए उसे बांग्लादेश का कसाई कहा था।