नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का प्रचार थाम गया। मंगलवार की शाम साढ़े चार बजे से वोटिंग होगी। 50 राज्यों के करीब 26 करोड़ वोटर्स अमेरिका के अगले राष्ट्रपति को चुनेंगे। सियासी अखाड़े में लड़ाई अमेरिका के दो सबसे प्रमुख राजनीतिक दल रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की कैंडीडेट कमला हैरिस के बीच है। दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। चुनाव में दुनिया की भी नजर है और सोशल मीडिया पर कमला हैरिस के बारे में यूजर्स लिख रहे हैं। भारत के लोग उन्हें देश की बेटी के साथ अमेरिका की ‘मर्दानी’ कह रहे हैं।
कुला हैरिस पुरुष प्रधान पॉलिटिक्स में बनी दावेदार
डेमोक्रेटिक पार्टी ने कमला हैरिस को राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया था। जबकि रिपब्लिकन पार्टी ने डोनाल्ड ट्रंप पर दांव लगाया। चुनाव प्रचार के दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगाए। रूस-यूक्रेन से लेकर इजरायल-ईरान जंग की बात भी चुनावों में गूंजी। अब 5 नवंबर को अमेरिका की 26 करोड़ जनता अगले राष्ट्रपति के लिए वोटिंग करेगी। दुनिया के देशों के साथ ही भारत की नजर भी अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव पर है। डेमोक्रेटिक पार्टी की कैंडीडेट कमला जिन्होंने एक भारतवंशी महिला के घर जन्म लिया। जिन्होंने अपने बच्चे पैदा करने के बजाय 2 सौतेले बच्चों की परवरिश की। जो अश्वेत होकर अमेरिका की पुरुष प्रधान पॉलिटिक्स में सबसे बड़े पद की दावेदार बनीं।
तमिलनाडु की रहने वाली हैं कमला हैरिस की मां
कमला हैरिस का जन्म 20 अक्टूबर 1964 को कैलिफोर्निया के ऑकलैंड में हुआ। कमला हैरिस की मां का नाम मां श्यामला गोपालन है, जो भारत के तमिलनाडु की रहने वाली हैं। 19 साल की उम्र में स्नातक की पढ़ाई करने के बाद श्यामला गोपालन अमेरिका चली गई थीं। यहां उनकी मुलाकात जमैका निवासी डोनाल्ड हैरिस से हुई। श्यामला गोपालन अमेरिका से पढ़ाई के बाद भारत आना चाहती थीं, पर ऐसा हुआ नहीं। डोनाल्ड के प्यार ने श्यामला को अमेरिका में ही रोक लिया। 1963 में दोनों ने शादी कर ली। श्यामला और डोनाल्ड की बेटी कमला हैरिस हैं। कमला की छोटी बहन का नाम माया हैरिस है।
कमला के माता-पिता का हो गया तलाक
कमला हैरिस के माता-पिता के बीच किसी बात को लेकर अनबन हो गई और शादी के 9 साल बाद 1972 में तलाक ले लिया। उस वक्त कमला सिर्फ 7 साल की थीं। उनकी कस्टडी के लिए मां श्यामला और पिता डोनाल्ड ने कैलिफोर्निया के कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी। जीत मां की हुई। कोर्ट ने दोनों बेटियों को श्यामला को दिए जाने का आदेश दिया। श्यामला ने डोनाल्ड से तलाक के बाद दूसरी शादी नहीं की थी। तलाक के बाद कमला हैरिस और उनकी बहन की परवरिश मां ने ही की। इसके चलते कमला पर भारतीय संस्कृति का काफी असर है। कमला की मां तमिल ब्राह्मण थीं। उनका मानना था कि देवियों को पूजने वाली संस्कृति में औरतें मजबूत और साहसी होती हैं।
किसी से भिड़ने में हिचकिचाती नहीं कमला हैरिस
कमला हैरिस जब 12 साल की हुईं तो उन्हें मां और बहन के साथ अमेरिका छोड़ कनाडा जाना पड़ा। उनकी मां को वहां की मैकगिल यूनिवर्सिटी में टीचर की नौकरी मिली थी। जबकि कमला हैरिस ने कनाडा में गुजारे 5 सालों में 4 अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाई की। कनाडा से स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद कमला अमेरिका लौट आईं, जहां उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। यहां कमला ने मां की तरह अश्वेतों के अधिकारों के लिए कई प्रदर्शन किए। वे अपनी बात साफगोई से रखती थीं, किसी से भिड़ने में हिचकिचाती नहीं थीं। इसके चलते उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के डिबेट क्लब में जगह मिली।
कमला ने 60 साल के विली को दिया दिल
हार्वर्ड से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन के बाद कमला हैरिस ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से 1989 में कानून की पढ़ाई पूरी की। 1990 में वे कैलिफोर्निया की स्टेट बार काउंसिल में शामिल हुईं और असिस्टेंट के तौर पर काम करने लगीं। 1994 में उनकी मुलाकात 60 साल के विली ब्राउन से हुई। उस वक्त वे कैलिफोर्निया की विधानसभा के अध्यक्ष थे। कमला इस दौरान 30 साल की थीं और अपने करियर के शुरुआती दौर में थीं। उम्र में भारी अंतर होने के बावजूद दोनों ने एक-दूसरे को 2 साल तक डेट किया। दोनों के बीच प्यार भी पनपा, लेकिन सक्सेसफुल नहीं हो सका। कमला हैरिस विली से अलग हो गई और राजनीति में तेजी से कदम बढ़ाए।
टीवी एंकर के लिए भी पनपा प्यार
2003 में कमला हैरिस सैन फ्रांसिस्को के जिला अटॉर्नी का चुनाव लड़ी और जीत दर्ज की। कमला ने 2001 में सेलेब्रिटी एंकर मोंटेल विलियम्स को भी डेट किया था। मोंटेल अमेरिका के फेमस टीवी शो को होस्ट करते थे। वे तलाकशुदा थे। मोंटेल एक रेड कार्पेट इवेंट के दौरान कमला और अपनी बेटी को साथ लाए थे। ये पहला मौका था जब किसी बड़े इवेंट में कमला को अमेरिकी जनता के सामने इंट्रोड्यूस किया गया। हालांकि, दोनों का रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चला। और दोनों अलग हो गए। कमला फिर अपने करियर को मजबूत करने में जुट गईं। 2010 में वे कैलिफोर्निया राज्य की अटॉर्नी जनरल चुनी गईं। वे इस पद को हासिल करने वाली पहली अश्वेत महिला थीं।
फिर डगलस एमहॉफ के साथ की शादी
कैलिफोर्निया की अटॉर्नी बनने के 3 साल बाद ही कमला की मुलाकात डगलस एमहॉफ से हुई। दोनों को कमला की करीबी दोस्त क्रिसेट हडलिन ने मिलवाया था। कमला ने डगलस के बारे में गूगल पर सर्च जानकारी की। डगलस तलाकशुदा व्यक्ति थे, जिनकी पहली पत्नी क्रिस्टेन से 1992 में शादी हुई थी, जिनसे उनके 1 बेटी और 1 बेटा हैं। डगलस पेशे से एक वकील हैं। कमला और डगलस की दोस्ती प्यार में बदल गई और दोनों ने 2014 में शादी कर ली। कमला के खुद के बच्चे नहीं हैं। हालांकि, कमला अपने 2 सौतेले बच्चों की परवरिश में हाथ बंटाती हैं। डगलस एमहॉफ के दोनों बच्चे उन्हें मोमाला कहकर बुलाते हैं।
2016 में राजनीति में उतरीं कमला हैरिस
कमला हैरिस साल 2016 में चुनावी राजनीति में उतरीं। ये वही साल था जब डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे। कमला हैरिस को बराक ओबामा और जो बाइडेन का समर्थन हासिल था। वे सीनेट में चुने जाने वाली दूसरी अश्वेत महिला बनीं। सांसद बनने के दो साल बाद ही कमला हैरिस ने 2019 में राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने के लिए अपना नाम आगे कर दिया। हालांकि, कमला हैरिस को राष्ट्रपति उम्मीदवार की डिबेट में बाइडेन के हाथों हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने उम्मीदवारी की रेस से अपना नाम वापस ले लिया। 2020 की गर्मियों में बाइडेन ने कमला हैरिस को अपना उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित कर दिया।
पहली अश्वेत महिला उप-राष्ट्रपति चुनी गईं
2020 में बाइडेन की जीत के बाद कमला हैरिस अमेरिकी इतिहास की पहली अश्वेत महिला उप-राष्ट्रपति चुनी गईं। राजनीति में एंट्री लेने के 7 साल के भीतर अब वे राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं। अगर कमला हैरिस चुनाव जीती तो अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बन हमेशा के लिए इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लेंगी। बता दें, अमेरिकी लोकतंत्र के 231 साल के इतिहास में दूसरी बार ऐसा हो रहा है, जब कोई महिला राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार है। सबसे पहले 2016 में हिलेरी क्लिंटन प्रेसिडेंट कैंडिडेट थीं, वहीं इस चुनाव में भारतवंशी कमला हैरिस हैं।
राज्य कई अलग-अलग टाइम जोन में बंटे
बता दें, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग अलग-अलग राज्यों के स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे से लेकर 9 बजे के बीच शुरू होगी। यह भारतीय समयानुसार शाम 4ः30 बजे से लेकर रात 9ः30 बजे तक का समय होगा। वहीं मतदान के लिए अंतिम समय की बात करें तो ज्यादातर वोटिंग सेंटर्स शाम 6 बजे से लेकर देर रात तक जारी रह सकते हैं। यानी अमेरिका में वोटिंग खत्म होने तक भारत में अगला दिन शुरू हो जाएगा। यानी अमेरिका में मतदान भारतीय समयानुसार बुधवार की सुबह 4ः30 बजे तक खत्म हो सकते हैं। कई राज्यों में यह समय और अधिक हो सकता है। क्योंकि अमेरिका के राज्य कई अलग-अलग टाइम जोन में बंटे हुए हैं।
25 जनवरी को होगा शपथ ग्रहण समारोह
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग खत्म होते ही मतों की गिनती शुरू हो जाएगी। दिसंबर में इलेक्टर्स की वोटिंग के बाद 25 दिसंबर तक सारे इलेक्टोरल सर्टिफिकेट सीनेट के प्रेसिडेंट को सौंप दिए जाएंगे। इसके बाद 6 जनवरी, 2025 को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में इलेक्टर्स के वोटों की गिनती होगी, इसी दिन उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस सदन में विजेता के नाम का ऐलान करेंगी। इसके बाद 25 जनवरी 2025 को अमेरिका का अगला राष्ट्रपति शपथ लेगा। इस बार के चुनाव में ट्रंप और कमला के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। अमेरिका में करीब 80 लाख भारतीय रहते हैं। 26 लाख भारतीय अमेरिका चुनाव में भाग लेते हैं।