Sh. @RahulGandhi ji and Smt. @priyankagandhi ji visited the epicentre of the landslides.
Everywhere we saw, we only saw devastation. Entire villages engulfed by the rubble. The pain of the entire community in Wayanad is beyond excruciating. pic.twitter.com/tVJy7BVziE
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) August 2, 2024
आदिवासी समुदाय और बचाव की उम्मीदें
Wayanad Landslides भूस्खलन के चौथे दिन पदवेट्टी कुन्नू के पास एक घर से चार लोगों के एक परिवार को बचाया गया, जिससे जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे सैकड़ों बचावकर्मियों को आशा की किरण मिली है। वन अधिकारियों ने एक आदिवासी परिवार के चार बच्चों और उनके माता-पिता को बचाया, जिससे बचावकर्मियों को और भी हिम्मत मिली है। लगभग 40 रेस्क्यू टीम कुत्तों के साथ, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के छह क्षेत्रों में खोज अभियान चला रही है। स्थानीय लोग भी रेस्क्यू ऑपरेशन में अपनी मदद दे रहे हैं, जिससे अभियान को और भी बल मिल रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय समर्थन और पुनर्वास प्रयास
Wayanad Landslides पर अमेरिका, चीन, जर्मनी, और नीदरलैंड सहित कई देशों ने शोक व्यक्त किया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने बचावकर्मियों की बहादुरी की सराहना की है। केंद्र सरकार ने वायनाड के 13 गांवों सहित पश्चिमी घाट के 56,800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। मेप्पडी में 17 राहत शिविरों में 707 परिवारों के 2,597 लोग रह रहे हैं, और जिले में कुल 91 शिविरों में लगभग 10,000 लोगों ने शरण ली है। सेना द्वारा 190 फुट लंबे ‘बेली ब्रिज’ का निर्माण पूरा होने के बाद खोज अभियान में तेजी आई है।
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