Twin Tower Demolition Live: धमाके के साथ जमींदोज हुआ Twin Tower, उठा धूल का गुबार, भ्रष्टाचार की इमारत मलबे में तब्दील

Supertech Twin Tower Noida Demolition News Live: नोएडा के सेक्टर 93 ए में सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech Twin Towers) आज 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टावर धमाके के बाद जमींदोज हो गया. नोएडा के सुपरटेक Twin Towers से जुड़े पल-पल के अपडेट के लिए बने रहें News1इंडिया के साथ….

ट्विन टावर्स के आसपास सफाई का काम जारी

9-10 सेकेंड में टावर गिर गई- चेतन दत्ता

नोएडा के एडिफिस कंपनी के इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता ने बताया, डिमोलिशन100% सफल रहा. 9-10 सेकेंड में टावर गिर गई. जैसा हमने सोचा था बिल्कुल वैसे ही परिणाम आए. हम 5 लोग टावर से बस 70 मीटर की दूरी पर थे. आधे घंटे पहले से हम 5 लोग आपस में बात नहीं कर पा रहे थे बस एक दूसरे के चेहरे देख रहे थे.

6.30 बजे के बाद घरों में आने की इजाजत होगी- CEO

नोएडा की CEO रितु माहेश्वरी ने बताया, सारा मलबा साइट के अंदर ही है. थोड़ा मलबा रोड पर आया है. साइट का निरिक्षण किया जा रहा है. धूल तुरंत हट गई थी. थोड़ी देर में सफाई का काम शुरू होगा. गैस और बिजली की सप्लाई दोबारा शुरू करा कर लोगों को 6.30 बजे के बाद अपने घरों में आने की इजाजत होगी

ध्वस्त होने के बाद आसपास धूल का गुबार फैला

सोसाइटियों को कोई नुकसान नहीं हुआ- CEO

नोएडा की CEO रितु माहेश्वरी ने सुपरटेक टावरों के ध्वस्त होने के बाद बताया, आस-पास की हाउसिंग सोसाइटियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. अभी कुछ मलबा सड़क की तरफ आया है. हमें एक घंटे में स्थिति का बेहतर अंदाजा हो जाएगा.

पूरे प्लान के साथ टावर को गिराया- पुलिस आयुक्त

नोएडा पुलिस आयुक्त ने बताया, पूरे प्लान के साथ काम किया गया और टावर को गिराया गया. सुरक्षा के पूरे इंतज़ाम थे जिस कारण से सब कुछ सही से हुआ. हम अवशेष और बचे हुए विस्फोटकों का आकलन करने के लिए साइट पर जा रहे हैं यदि वे वहां छोड़े गए हैं.

एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल हो रहा

उत्तर प्रदेश: सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराने के बाद आस पास जमे धूल को स्थिर करने के लिए पानी को स्प्रे करने के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है.

भ्रष्टाचार की इमारत मलबे में तब्दील

अवैध काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा- अवनीश

सुपरटेक ट्विन टावर्स विध्वंस पर अपर मुख्य सचिव(गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया, इन अवैध ट्विन टावरों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्त कार्रवाई में ध्वस्त करने का आदेश दिया गया था। यह एक संदेश देगा कि राज्य में अवैध काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

अंतिम चरण की तैयारी शुरू

उत्तर प्रदेश: नोएडा में ट्विन टावरों के विध्वंस शुरू होने से पहले एनडीआरएफ की टीम अपने अंतिम चरण की तैयारी कर रही है. कैनाइन वॉरियर्स को भी लाया गया है.

हम कॉउन डॉउन की तरफ बढ़ रहे- आलोक

उत्तर प्रदेश: नोएडा के सीपी आलोक कुमार ने बताया, अभी तक सब कुछ सामान्य है, हम पूरी तरह से तैयार हैं. नोएडा के ट्विन टावरों को ध्वस्त होने पर, हम कॉउन डॉउन की तरफ बढ़ रहे हैं.

दरवाजे और खिड़कियों को ढक दिए- निवासी

नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर्स के पास दो हाउसिंग सोसाइटी के निवासियों को बाहर निकाल दिया गया है. सिल्वर सिटी हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में एमराल्ड कोर्ट निवासी जीशान का कहना है कि, मैंने घर में धूल को घुसने से रोकने के लिए दरवाजे और खिड़कियां ढक रखी हैं.

40 टावरों समेत 2 सोसायटियों को पूरी तरह से खाली

NDRF की टीम, 560 पुलिस कर्मी तैनात

उत्तर प्रदेश: नोएडा सेक्टर 93A में ट्विन टावरों के विध्वंस के क्षेत्र में तैनाती के लिए NDRF की टीम पहुंची, इसके साथ ही 560 पुलिस कर्मी और रिजर्व फोर्स के 100 लोग इसके अलावा 4 क्विक रिस्पांस टीम भी यहां तैनात हैं.

ट्विन टावरों के पास बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

यहां स्पेशल डस्ट मशीन लगाई गई

उत्तर प्रदेश: नोएडा के ट्विन टावरों को आज गिराया जाएगा. विध्वंस के बाद प्रदूषण स्तर की निगरानी के लिए विध्वंस स्थल पर स्पेशल डस्ट मशीन लगाई गई है. इतना ही नहीं, स्मॉग गन, पार्श्ववंत के सर्विस रोड के साथ और सामने 2 स्मॉग गन, जेपी फ्लाईओवर के पास 1 और सिटी पार्क से Ats के पास 3 मशीन लगाई गई हैं. एल्डेको क्रॉसिंग के बगल में क्रॉसिंग पर 1 और गेझा सामुदायिक केंद्र के सामने और सामने 2, 1 एमराल्ड कोर्ट के सामने और 1 ट्विन टावर के पास मशीन लगाई गई है.

ब्लास्ट के लिए इमरजेंसी रूट बनाया है: DCP ट्रैफिक

नोएडा के डीसीपी ट्रैफिक का कहना है कि, सुपरटेक के ट्विन टावर में ब्लास्ट के लिए इमरजेंसी रूट बनाया है ताकि इमरजेंसी होने पर ग्रीन कॉरिडोर से ले जाया जा सके. सब कुछ सेट है तो कोई दिक्कतें नहीं आएंगी. सुरक्षा की पूरी व्यवस्था है. हमने पहले से ही डायवर्जन शेयर किया था इसलिए ट्रैफिक की भी कोई दिक्कत नहीं है.

NDRF की टीम, पुलिस, रिजर्व फोर्स तैनात है- DCP

नोएडा के सेक्टर 93 ए में सुपरटेक के ट्विन टावर को ध्वस्त करने को लेकर DCP राजेश एस ने बताया, लगभग 560 पुलिस कर्मी, रिजर्व फोर्स के 100 लोग, 4 क्विक रिस्पांस टीम और NDRF की टीम तैनात है। ट्रैफिक डायवर्जन प्वाइंट सक्रिय हैं। विस्फोट से ठीक पहले दोपहर करीब 2.15 बजे एक्सप्रेस-वे को बंद किया जाएगा. ब्लास्ट के आधे घंटे बाद और धूल जमने के बाद इसे खोल दिया जाएगा इंस्टेंट कमांड सेंटर में 7 सीसीटीवी कैमरे हैं

आसपास के क्षेत्र को खाली करने की घोषणा

उत्तर प्रदेश: पुलिस ने सेक्टर 93ए नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावर्स के आसपास के क्षेत्र को खाली करने की घोषणा की.

टावर्स को दोपहर 2:30 बजे ध्वस्त होगा

उत्तर प्रदेश में सेक्टर 93ए के तहत नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावर्स को आज दोपहर 2:30 बजे ध्वस्त कर दिया जाएगा.

बैकग्राउंड

जानिए क्या था पूरा मामला

नोएडा के सेक्टर 93-ए में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के लिए जमीन आवंटन 23 नवंबर 2004 को किया गया था. इस प्रोजेक्ट के लिए, नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक को 84,273 वर्गमीटर भूमि आवंटित की थी. इसकी लीज डीड 16 मार्च 2005 को की गई थी, लेकिन उस दौरान जमीन की माप में लापरवाही के कारण कई बार जमीन को बढ़ाया या घटाया गया. इस प्लॉट पर सुपरटेक ने एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया और प्रोजेक्ट में ग्राउंड फ्लोर के अलावा 11 मंजिल के 16 टावर्स बनाने की योजना थी.

बिल्डर-अथॉरिटी ने खरीदारों को नहीं दिखाया नक्शा

इसके बाद 28 फरवरी 2009 को उत्तर प्रदेश शासन ने नए आवंटियों के लिए एफएआर बढ़ाने का फैसला किया. एफएआर बढ़ने से बिल्डर अब उसी जमीन पर और ज्यादा फ्लैट्स बना सकते थे. जिससे सुपरटेक ग्रुप को यहां से इमारत की ऊंचाई 24 मंजिल और 73 मीटर तक बढ़ाने की अनुमति मिल गई है. फिर RWA ने बिल्डर से बात करके नक्शा दिखाने की मांग की. बिल्डिंग बायलॉज के मुताबिक किसी भी निर्माण की जगह पर नक्शा लगा होना अनिवार्य है. यहां बायर्स को प्रोजेक्ट का नक्शा नहीं दिखाया गया.

हाईकोर्ट ने 2014 में गिराने के दिए आदेश

साल 2012 में बायर्स ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया, कोर्ट के आदेश पर पुलिस जांच के आदेश दिए गए और पुलिस जांच में बायर्स की बात को सही बताया गया. बायर्स का आरोप है कि इन टावरों को बनाने में नियमों का उल्लंघन किया गया है. जब साल 2012 में ये मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा तो एपेक्स और सिएना की केवल 13 मंजिलें ही बनीं, लेकिन डेढ़ साल के भीतर सुपरटेक ने 32 मंजिलों का निर्माण पूरा कर लिया. जिसके बाद साल 2014 में हाईकोर्ट ने इन्हें ध्वस्त करने का आदेश दिया था.

एमराल्ड निवासियों ने एक लंबी लड़ाई लड़ी

अगर ये टावर दूसरे रिवाइज्ड प्लान के मुताबिक 24 मंजिल तक रुक जाते तो भी ये मामला सुलझ जाता क्योंकि ऊंचाई के हिसाब से दो टावर्स के बीच की दूरी का नियम टूटने से बच जा सकता था. इन टावर्स को गिराने में एमराल्ड कोर्ट के निवासियों खासकर वरिष्ठ नागरिकों ने कड़ी मेहनत की है. इन्होंने महीनों तक कोर्ट के चक्कर लगाए, जिसके बाद अब यह लंबी लड़ाई 28 अगस्त को खत्म होने की ओर बढ़ रही है, 28 अगस्त को ट्विन टावर्स में ब्लास्ट किया जाएगा

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Published by: Muskan Rajput

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