अम्बुजेश कुमार (असिस्टेंट एडिटर) : आर एस एस और बीजेपी दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं ये बात एक बार फिर से साफ हो गई है। लोकसभा चुनाव में आर एस एस के कार्यकर्ता उदासीन रहे जिसका नतीजा सामने है लेकिन उसके बाद हरियाणा जम्मू-कश्मीर के चुनावों में ये जोड़ी ऐसी जमी कि हरियाणा में सरकार बन गई और जम्मू-कश्मीर में बीजेपी सबसे ज्यादा वोट शेयर वाली पार्टी बन गई। अब महाराष्ट्र और यूपी उपचुनाव के नतीजे भी सामने है। सवाल उठता है कि क्या वाकई बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में बड़ी चूक कर दी थी
लोकसभा चुनाव में दूरी पड़ गई थी भारी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हमेशा से ही बीजेपी के लिए एक ऐसा टानिक रहा है जो चुनावी मैदान में हारी हुई बाजी को पलटने का माद्दा रखता है। बीजेपी को शून्य से शिखर तक पहुंचाने में आर एस एस का योगदान कोई नहीं भूल सकता। बीजेपी के बड़े बड़े दिग्गज नेताओं की परवरिश भी संघ की पाठशालाओं में हुई ऐसे में जब लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और आरएसएस के रिश्तों में खटास दिखी तो ये सबके लिए हैरानी की बात थी।
चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का बयान काफी चर्चा में रहा, जिसमें उन्होंने आर एस एस के बिना भी चुनाव जीतने का दावा किया था। जेपी नड्डा के मुताबिक बीजेपी संगठन बहुत मजबूत है और उनके मुताबिक चुनाव के लिए उन्हें किसी के सहारे की जरूरत नहीं है
नड्डा के बयान से संघ कार्यकर्ता हुए थे निराश
जेपी नड्डा के इस बयान ने संघ कार्यकर्ताओं को बेहद निराश किया जिसका नतीजा रहा कि संघ कार्यकर्ता घरों से बाहर ही नहीं निकले। जिसका नतीजा हुआ कि बीजेपी अपने दम पर बहुमत पाने में नाकाम रही। बीजेपी के नेताओ को तब समझ आया कि उन्होंने बड़ी चूक कर दी है जिसके बाद दोबारा से संघ से समन्वय बनाने की कवायद शुरू हुई जिसका माध्यम बने सीएम योगी आदित्यनाथ
योगी और भागवत की जुगलबंदी से बदली तस्वीर
लोकसभा चुनाव के बाद सीएम योगी और मोहन भागवत की तीन मुलाकातें हुईं, इन बैठकों में उपचुनावों के अलावा राज्यों के चुनावों पर चर्चा हुई । बीजेपी और संघ के बीच बेहतर तालमेल की चर्चा की गई । चुनावों में हिंदुत्व के एजेंडे को कैसे धार देनी है, इस पर भी रणनीति बनी। इन बैठकों के बाद ही सीएम योगी ने बंटेंगे तो कटेंगे का नारा दिया जिसका समर्थन पीएम मोदी और खुद मोहन भागवत ने भी किया। नारा हिट रहा और हरियाणा में बीजेपी की सरकार बन गई। तो वहीं जम्मू-कश्मीर में बीजेपी पहली बार सबसे ज्यादा वोट शेयर लेकर आई। यही नारा महाराष्ट्र में भी काम कर गया। जहां एनडीए को प्रचंड बहुमत मिला तो अपने इतिहास में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिली
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महाराष्ट्र में संघ और बीजेपी का गजब का तालमेल
महाराष्ट्र (Maharashtra Assembly election 2024) में संघ ने राज्य को चार हिस्सों में बांटकर रणनीति बनाई, इनमें पश्चिम महाराष्ट्र, विदर्भ, कोंकण और मुंबई क्षेत्र रहे । इन सभी क्षेत्रों में बीजेपी और आरएसएस की समन्वय समितियां बनाई गई । इन समितियों की चुनाव पहले 4 हजार से ज्यादा बैठकें हुई। नतीजा विदर्भ जैसे मुश्किल किले को भी बीजेपी ने भेद दिया
योगी बने हिंदुत्व का फायर ब्रांड चेहरा
महाराष्ट्र में बीजेपी ने खुलकर हिंदुत्व का दांव खेलने से परहेज़ नहीं किया। उपर से सीएम योगी की रैलियों ने और ज्यादा माहौल बनाया। कुल मिलाकर ये बिल्कुल स्पष्ट है कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में की गई गलतियों से सबक लेकर संघ से अपने गिले शिकवे जल्दी से दूर कर लिए जिसका नतीजा है कि आज बीजेपी को जश्न मनाने का मौका मिला है।