K2-18b exoplanet: ब्रह्मांड में जीवन की खोज को लेकर वैज्ञानिकों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। पृथ्वी से 124 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित K2-18b नामक एक्सोप्लैनेट पर जीवन के संभावित संकेत मिले हैं। यह जानकारी 17 अप्रैल 2025 को द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित हुई है। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) की मदद से इस ग्रह के वायुमंडल में ऐसे रसायन खोजे हैं, जो पृथ्वी पर केवल जीवित जीवों द्वारा ही उत्पन्न होते हैं। हालांकि इन संकेतों की अभी पुष्टि नहीं हुई है, फिर भी यह खोज वैज्ञानिकों के लिए उत्साहजनक है। यह सवाल अब और प्रासंगिक हो गया है—क्या हम ब्रह्मांड में अकेले हैं?
एक अनोखा ग्रह
K2-18b की खोज वर्ष 2015 में नासा के केप्लर टेलीस्कोप ने की थी। यह एक सब-नेपच्यून ग्रह है, जिसका आकार पृथ्वी से लगभग ढाई गुना बड़ा और द्रव्यमान 8 गुना अधिक है। यह लियो नामक तारामंडल में स्थित है और एक लाल बौने तारे की परिक्रमा करता है। खास बात यह है कि यह “हैबिटेबल ज़ोन” में आता है, यानी वहाँ का तापमान ऐसा हो सकता है जहाँ तरल पानी मौजूद रह सके।
2019 में हबल टेलीस्कोप ने इस ग्रह के वायुमंडल में जलवाष्प खोजी थी। अब, जेम्स वेब टेलीस्कोप ने इसके वायुमंडल में मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड की भी पुष्टि की है। ये तत्व जैविक गतिविधियों से जुड़ते हैं।
जीवन के संकेतक रसायनों की खोज
कैम्ब्रिज के प्रोफेसर निक्कु मधुसूदन की अगुवाई में हुई इस शोध में JWST के “मिड-इन्फ्रारेड इंस्ट्रूमेंट” का उपयोग हुआ। वैज्ञानिकों ने “ट्रांसमिशन स्पेक्ट्रोस्कोपी” तकनीक से ग्रह के वायुमंडल में डाइमिथाइल सल्फाइड (DMS) और डाइमिथाइल डाइसल्फाइड (DMDS) नामक गैसों के संकेत पाए हैं। ये गैसें पृथ्वी पर केवल समुद्री सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पन्न होती हैं।
ग्रह पर इन गैसों की मात्रा पृथ्वी से हजारों गुना अधिक बताई जा रही है। हालांकि शोध अभी 3-सिग्मा स्तर (99.7% संभावना) तक ही पहुँचा है, वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि आने वाले अवलोकनों से 5-सिग्मा (99.99994%) स्तर की पुष्टि भी संभव होगी।
सावधानी और वैज्ञानिक बहस
हालांकि ये निष्कर्ष रोमांचक हैं, लेकिन वैज्ञानिक समुदाय अब भी सतर्क है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि DMS जैसे यौगिक जैविक नहीं, बल्कि किसी अन्य रासायनिक प्रक्रिया से भी बन सकते हैं। कुछ धूमकेतुओं पर भी DMS के संकेत बिना किसी जीवन के देखे गए हैं। इसलिए जरूरी है कि इन संकेतों की और गहराई से जांच की जाए।
K2-18b पर मिली जानकारी जीवन की खोज की दिशा में एक बड़ा कदम है। यदि इन संकेतों की पुष्टि होती है, तो यह साबित कर सकता है कि जीवन केवल पृथ्वी तक सीमित नहीं है। आने वाले वर्षों में JWST जैसे उपकरणों से इस दिशा में और अधिक स्पष्टता मिल सकती है। ब्रह्मांड के रहस्यों से पर्दा उठने की यह शुरुआत हो सकती है।