Labour Reforms: भारत में नए लेबर कोड लागू, गिग वर्कर, महिलाएं को मिलीं कई नई सुविधाएं, सोशल सिक्योरिटी और सुरक्षा नियम हुए मजबूत

देश में चार नए लेबर कोड लागू हो गए हैं, जिससे गिग वर्कर, महिलाओं और एमएसएमई कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। सोशल सिक्योरिटी, सुरक्षा नियम और वर्किंग कंडीशंस अब पहले से अधिक मजबूत और आसान बनाए गए हैं।

Nationwide New Labour Codes Implementation

New Labour Reforms Implemented:देश में सभी सेक्टर के कर्मचारियों की भलाई को मजबूत करने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। लंबे समय से इंतज़ार किए जा रहे लेबर रिफॉर्म आखिरकार लागू हो गए हैं। चारों नए लेबर कोड 21 नवंबर 2025 से आधिकारिक रूप से नोटिफाई कर दिए गए हैं और देशभर में लागू हो चुके हैं। इन कोड्स का मकसद खास तौर पर गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर, महिला कर्मचारियों और एमएसएमई सेक्टर से जुड़े लाखों लोगों को सुरक्षा और सुविधाएं देना है।

पहली बार,गिग वर्क, प्लेटफॉर्म वर्क और एग्रीगेटर हुए कवर

पहली बार, नए लेबर कोड्स में गिग वर्क, प्लेटफॉर्म वर्क और एग्रीगेटर जैसे शब्दों को औपचारिक रूप से परिभाषित किया गया है। इससे ऐप-आधारित सेवाओं से जुड़े डिलीवरी बॉय, ड्राइवर और अन्य ऑनलाइन वर्कर्स को कानूनी पहचान मिली है। एग्रीगेटर कंपनियों को अब अपने सालाना टर्नओवर का 1–2% एक खास वेलफेयर फंड में देना होगा, जिसकी सीमा वर्कर्स को किए गए कुल पेमेंट के 5% तक रखी गई है। यह फंड गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स की सोशल सिक्योरिटी को मजबूत करेगा।

वर्कफोर्स की भलाई के लिए उठाया गया बड़ा कदम

लेबर और एम्प्लॉयमेंट मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक्स पर पोस्ट करके बताया कि “आज से देश में नए लेबर कोड लागू हो गए हैं… ये बदलाव केवल सुधार नहीं, बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा वर्कफोर्स की भलाई के लिए उठाया गया बड़ा कदम है।”

एक्सीडेंट कम्पेनसेशन पाने का अधिकार मिला

डिलीवरी और मोबिलिटी वर्कर्स के लिए सबसे राहत भरी बात यह है कि घर से काम की जगह तक आने-जाने के दौरान अगर कोई दुर्घटना होती है, तो इसे अब नौकरी से जुड़ा हादसा माना जाएगा। इससे ऐसे वर्कर्स को एक्सीडेंट कम्पेनसेशन पाने का अधिकार मिलेगा। इसके साथ ही, आधार-लिंक्ड यूनिवर्सल अकाउंट नंबर की शुरुआत की गई है, जिससे देश के किसी भी राज्य में वेलफेयर स्कीम्स का फायदा आसानी से मिल सकेगा।

महिलाओं के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव

महिलाओं के लिए भी कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। नए कोड के मुताबिक अब महिला कर्मचारी रात की शिफ्ट में भी काम कर सकती हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा और सहमति जरूरी होगी। माइनिंग और भारी मशीनरी जैसे सेक्टर, जिनमें पहले बैन था, अब महिलाओं के लिए खुले होंगे। मैटरनिटी बेनिफिट्स को और मजबूत करते हुए 26 हफ्ते की पेड लीव, क्रेच की सुविधा और वर्क-फ्रॉम-होम का विकल्प भी शामिल किया गया है। इसके अलावा महिलाओं को 3,500 रुपये का मेडिकल बोनस मिलेगा। महिलाओं के लिए परिवार की परिभाषा बढ़ाकर अब सास-ससुर को भी शामिल कर दिया गया है, जिससे सोशल सिक्योरिटी कवरेज और बढ़ेगा।

चार नए लेबर कोड लागू

चार नए लेबर कोड—कोड ऑन वेजेज 2019, इंडस्ट्रियल रिलेशन्स कोड 2020, ओएसएच (OSH) कोड 2020 और सोशल सिक्योरिटी कोड 2020—मिलकर पुराने 29 लेबर कानूनों की जगह लेंगे। इसके साथ ही देश में लेबर कानूनों का नया और सरल ढांचा लागू हो गया है।

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