मंत्रियों और विधायकों की नाराजगी पर सख्त हुए CM योगी, अफसरों से बोले- संवाद बनाएं, डरें नहीं

उत्तर प्रदेश में मंत्रियों और विधायकों की नाराजगी के बाद सीएम योगी ने अफसरों से संवाद बढ़ाने के लिए मंडलवार बैठकें शुरू की हैं। इस पहल से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच सामंजस्य बनाने की कोशिश हो रही है।

CM Yogi

CM Yogi News: जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच बढ़ती खटास पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने मंत्रियों और विधायकों की नाराजगी को गंभीरता से लेते हुए ‘मंडलवार संवाद’ की शुरुआत की है। इन बैठकों में सांसद, विधायक और अफसर एक साथ बैठकर विकास योजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं। अफसरों पर मनमानी और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के आरोप लगे हैं तो अधिकारियों ने भी अनुचित दबाव की शिकायत की है। पंचायत और विधानसभा चुनावों से पहले सीएम का यह कदम प्रशासनिक सामंजस्य की दिशा में अहम माना जा रहा है। मंत्रियों ने खुलेआम नाराजगी जताई थी, वहीं कुछ जिलों में DM-SDM का तबादला भी हुआ है।

विधायकों की शिकायत पर सीएम की सख्ती

उत्तर प्रदेश में मंत्रियों और विधायकों द्वारा सरकारी अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यक्तिगत स्तर पर मामले में हस्तक्षेप किया है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से लेकर राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला और नंद गोपाल गुप्ता नंदी तक—कई मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों के अफसरों की शिकायतें की थीं। कहीं फोन न उठाने की बात थी तो कहीं योजनाओं को नजरअंदाज करने की शिकायतें। मुख्यमंत्री ने साफ किया है कि अफसर बिना डर के काम करें, लेकिन जनप्रतिनिधियों की बात को भी गंभीरता से सुनें।

मंडलवार संवाद से बनेगा संतुलन

CM Yogi ने मंडलवार संवाद की शुरुआत कर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच बढ़ रही दूरी को पाटने की कोशिश की है। झांसी, चित्रकूट, कानपुर और लखनऊ मंडलों में हुई बैठकों में हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं को अंतिम रूप दिया गया। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि वे सांसदों और विधायकों को योजनाओं की जानकारी दें और उनके सुझावों पर रिपोर्ट तैयार करें। जनसंवाद बैठकों में स्थानीय नेताओं के नाम उद्घाटन पट्टिकाओं पर प्रमुखता से रखने का निर्देश भी दिया गया है, जिससे प्रतिनिधियों को उनकी भूमिका का सम्मान मिले।

अफसर बोले- हम पर डाला जाता है अनुचित दबाव

जहां जनप्रतिनिधि अफसरों की उपेक्षा की शिकायत कर रहे हैं, वहीं सचिवालय कर्मचारी संघ के सदस्यों का कहना है कि विधायक और मंत्री अकसर अनुचित दबाव बनाते हैं। उनका तर्क है कि मुख्यमंत्री पहले ही अफसरों से कह चुके हैं कि वे निडर होकर काम करें, लेकिन विधायकों की आदतें नहीं बदली हैं। जनप्रतिनिधियों को यह समझना चाहिए कि हर काम नियमों के तहत ही हो सकता है। मुख्यमंत्री अब दोनों पक्षों को संतुलन में लाने के प्रयास में लगे हैं।

बदलाव की उम्मीद, कुछ जिलों में कार्रवाई

राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने खुद कहा है कि अब चीजें बदल रही हैं। उनके जिले के डीएम और एसडीएम को हटाया गया है। वह हाल ही में पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठी थीं। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने एक्स पर सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जताई थी। वहीं मंत्री आशीष पटेल और नंद गोपाल नंदी ने अपने विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। इन सबके बीच सीएम योगी का यह संवाद मॉडल आने वाले पंचायत और विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के लिए सियासी राहत बन सकता है।

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