Abbas Ansari: मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी को आज सुप्रीम कोर्ट से एक महत्वपूर्ण राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत प्रदान की, जिससे उनके समर्थकों में राहत की लहर दौड़ गई है। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने अंसारी को जमानत देते हुए यह भी आदेश दिया कि उन्हें जांच में सहयोग करना होगा। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने चित्रकूट जेल में उनकी पत्नी से गैरकानूनी ढंग से मुलाकात के मामले में भी जमानत दी। हालांकि, गैंगस्टर एक्ट के मामले में अंसारी को जमानत नहीं मिली है, जिससे वह अभी भी जेल में रहेंगे।
आज की सुनवाई के दौरान, अदालत ने Abbas Ansari की याचिका पर विचार किया, जो पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा खारिज की गई थी। इस निर्णय के खिलाफ अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने कहा कि अंसारी को जमानत देने से पहले सभी संबंधित पहलुओं पर विचार किया गया। अंसारी के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में तर्क दिया कि उनके मुवक्किल पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं और उन्हें सही तरीके से सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत देने के बाद यह स्पष्ट किया कि Abbas Ansari को जांच में पूरा सहयोग करना होगा। इसके अलावा, कोर्ट ने कहा कि यदि अंसारी ने कोई भी नियम तोड़ा, तो उनकी जमानत तुरंत रद्द की जा सकती है।
हालांकि, गैंगस्टर एक्ट के मामले में जमानत देने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया। इस मामले में Abbas Ansari के वकील ने अंतरिम जमानत की मांग की, लेकिन उसे ठुकरा दिया गया। अदालत ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को निर्देश दिया कि वह गैंगस्टर मामले में अंसारी की जमानत याचिका पर चार हफ्ते में सुनवाई पूरी करे।
अंसारी के खिलाफ 4 सितंबर को गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोप लगाए गए थे। उनकी जमानत को लेकर हाई कोर्ट के निर्णय ने उन्हें आगे की कानूनी लड़ाई के लिए प्रेरित किया है। अब देखना यह है कि गैंगस्टर मामले में उच्च न्यायालय क्या निर्णय लेता है।