Ghazipur News : उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की जमानिया तहसील स्थित मोहम्मदपुर गांव में सरकारी जमीन पर वर्षों से अवैध झोपड़ियां डालकर लोग रह रहे थे। अदालत के आदेश के दो वर्ष बीत जाने के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया था। इस लापरवाही के विरोध में गांव के समाजसेवी विद्यानिवास उपाध्याय ने तहसील कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। समाजसेवी के दबाव और आंदोलन के चलते प्रशासन को आखिरकार कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा। जब प्रशासनिक टीम अतिक्रमण हटाने के लिए गांव पहुंची, तो हालात अचानक बिगड़ गए। अतिक्रमणकारियों ने विरोध स्वरूप अपनी झोपड़ियों में खुद ही आग लगा दी, जिससे माहौल में भारी तनाव फैल गया।
यह विवाद मोहम्मदपुर गांव के जच्चा-बच्चा केंद्र की भूमि समेत अन्य सरकारी संपत्तियों पर कब्जे से जुड़ा है। वर्ष 2015 में विद्यानिवास उपाध्याय ने इस अतिक्रमण की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद मामला जमानिया तहसीलदार की अदालत तक पहुंचा। अदालत ने 11 जनवरी 2023 को अतिक्रमण हटाने और दोषियों पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया था। बावजूद इसके, दो साल तक आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, न अतिक्रमण हटाया गया और न ही जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई हुई।
अधिकारियों पर लगा आरोप
लंबे समय तक कार्रवाई न होने से नाराज विद्यानिवास उपाध्याय ने तहसील प्रशासन पर अतिक्रमणकारियों को संरक्षण देने और उनसे अवैध वसूली करने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी कि जब तक अतिक्रमण नहीं हटेगा, वह अनशन पर बैठेंगे। तहसीलदार ने उन्हें मनाने की कोशिश की, मगर वे अपनी मांग पर अड़े रहे। अंततः शनिवार को अतिक्रमण हटाने के लिए जेसीबी मंगाई गई और कार्रवाई के आदेश दिए गए।
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कैसे लगी झोपड़ियों में आग
कार्रवाई के दौरान न तो पर्याप्त पुलिस बल मौजूद था और न ही सुरक्षा के कोई खास इंतजाम किए गए थे। जैसे ही प्रशासन ने अतिक्रमण हटाना शुरू किया, अतिक्रमणकारियों ने विरोध करते हुए अपनी ही झोपड़ियों में आग लगा दी। देखते ही देखते कई झोपड़ियां धू-धू कर जलने लगीं और इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आगजनी की इस घटना में करीब आधा दर्जन झोपड़ियां जलकर पूरी तरह राख हो गईं।