UP Politics: क्या मायावती हरियाणा में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत से डर गई है। ये सवाल इसलिए क्योंकि आज मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एक ऐसा दावा किया जो शायद ही किसी के गले उतर पाए। मायावती के मुताबिक हरियाणा में दलित वोट बैंक कांग्रेस की ओर शिफ्ट हो गया जिसकी वजह से उनकी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।
सवाल उठता है कि अगर दलित वोट बैंक कांग्रेस की ओर शिफ्ट हुआ तो फिर कांग्रेस विधानसभा चुनाव कैसे हार गयी क्योंकि चुनाव से पहले ही माना जा रहा था कि जाट वोटर बीजेपी से नाराज़ हैं। ऐसे में अगर कांग्रेस को जाटों के साथ दलितों का भी समर्थन मिला होता तो कांग्रेस वहां सरकार बना लेती लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
क्या है मायावती का डर
ऐसे में बड़ा सवाल ये कि आखिर मायावती ऐसा दावा क्यों कर रही हैं तो इसकी बड़ी वजह है मायावती का डर। मायावती कत्तई ये नहीं चाहतीं कि जनता में ये मैसेज जाए कि दलित वोटर बीजेपी के साथ जा रहें हैं क्योंकि ऐसा हुआ तो बसपा को इसका खामियाजा यूपी में भी भुगतना पड़ सकता है। यही वजह है कि उपचुनाव से पहले मायावती ये संदेश देने की कोशिश कर रही हैं कि दलित वोट अगर उनसे छिटक रहा है तो बीजेपी को नहीं बल्कि कांग्रेस को जा रहा है।
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दलित वोटर्स का रुख
सवाल उठता है कि क्या ऐसी बयानबाजी भर से मायावती अपना वोटबैंक बचा पाएंगी। क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव को छोड़ दें तो बड़ी संख्या में दलित वोटर बीजेपी की ओर डायवर्ट हुए हैं और हरियाणा में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के पीछे भी दलितों का बीजेपी को मिला समर्थन भी एक बड़ा फैक्टर है।
इससे यह साफ होता है कि मायावती (UP Politics) का यह बयान केवल एक राजनीतिक रणनीति है, ताकि उनके वोट बैंक को सुरक्षित रखा जा सके। हालांकि, चुनावी परिणाम इस बात की पुष्टि करते हैं कि दलित वोटर्स की स्थिति अभी भी अस्थिर है और मायावती को अपने दावे को साबित करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।