वाराणसी । ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में जैसे ही अदालत ने हिंदू पक्ष में फैसला सुनाया वैसे ही हिंदू समाज में खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं दूसरी ओर मुस्लिम समाज की महिलाओं ने भी भगवान शिव की आरती उतार कर जश्न मनाया। ज्ञानवापी मामला शुरु होने से पहले ही मुस्लिम महिलाएं हिंदू पक्ष के साथ हैं।
मुस्लिम महिलाओं ने मनाया जश्न
मुस्लिम महिला फाउण्डेशन नेशनल सदर की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने सुभाष भवन में मुस्लिम समाज की महिलाओं के नेतृत्व में भगवान शिव की आरती कर अपनी खुशी जाहिर की। नाजनीन अंसारी ने बताया कि हमारे पूर्वज भी आदि विश्वेशवर की पूजा करते थे। नाजनीन अंसारी ने बताया कि औरंगजब के द्वारा हिंदू मंदिर तोड़ने के अनेक साक्ष्य मिले हैं
हिंदू धर्म एक महान धर्म है
नाजनीन का यह भी कहना है कि हिंदू धर्म दुनिया एक महान धर्म है। हम सभी इस धर्म का सम्मान करते हैं। हम सभी अदालत द्वारा दिए गए निर्णय को स्वीकार करते हैं। सुभाषवादी नेता नजमा परवीन ने कहा कि सभी मुस्लमान हजरत मौ. पैगम्बर साहब के बताए हुए रास्ते पर चलकर हक और शांति की बात करें, और अदालत द्वारा दिए गए निर्णय को स्वीकार करें।
पुस्तक में मिला है मंदिर तोड़ने का साक्ष्य
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले पर भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि 1710 ई. में लिखी गई मासिर–ए-आलमगिरी पुस्तक में साफ-साफ साकी मुस्तईद खान ने औरंगजब के मंदिर तोड़ने की बात लिखी है। पुस्तक में स्पष्ट रुप से मंदिर तोड़ने की बात लिखी है। नाजिया बेगम, नगीना अंजुम, मुन्नी बेगम, नाजमा, अहसीन आदि मुस्लिम महिलाओं के साथ अर्चना भरतवंशी, डा. मृदुला जायसवाल, खुशी भारतवंशी, इली भारतवंशी, उजाला भारतवंशी आदि महिलाओं ने भगवान शिव की आरती कर जश्न मनाया।