कर्मचारियों को हुआ “सीक्रेट मिशन” का पता
कर्मचारी, जो रोजाना की तरह चाय पर चर्चा में मस्त थे, अचानक महिला की इस सीधी-सी बात पर गंभीर हो गए। उन्होंने मान्यता के पेचीदा प्रोसेस की जानकारी देते हुए कुछ “खास डिमांड्स” भी रख दी। महिला भी हां-हूं करती रही और फिर चली गई। लेकिन, असली ड्रामा तो तब शुरू हुआ जब वो कुछ देर बाद लौट आई और इस बार तीन और लोग उसके साथ थे।
महिला ने इस बार अपनी पहचान “स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम” की अधिकारी के रूप में कराई। उसने कर्मचारियों के साथ हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी सुनाई, और गुस्से में कहा कि ये मामला रफादफा करना है, तो 5 लाख का “स्पेशल कलेक्शन” देना होगा। कर्मचारियों के पसीने छूट गए, चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आईं। लेकिन 5 लाख का इंतजाम तुरंत करना मुश्किल था, तो उन्होंने 1.4 लाख देकर ही पीछा छुड़ाया।
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फिर खुली ठगी की पोल
जैसे ही “स्पेशल टीम” ने पैसे लेकर बाहर कदम रखा, कर्मचारियों ने राहत की सांस ली। परंतु कुछ समय बाद, हकीकत सामने आने पर उनके होश फिर से उड़ गए! असल में वो महिला और उसके साथी कोई सरकारी अधिकारी नहीं, बल्कि बेहद शातिर ठग थे। सरकारी दफ़्तर में इस तरह की ठगी ने कर्मचारियों के बीच हड़कंप मचा दिया। सबके सब एक-दूसरे को देखते रह गए, जैसे मानो कह रहे हों – “अरे! ये क्या हो गया!”
Agra पुलिस की रडार पर “स्पेशल ठगी टीम”
अब Agra पुलिस भी इस “स्पेशल ठगी टीम” की तलाश में जुट गई है, ताकि उन “शातिर कलाकारों” को पकड़ सके जिन्होंने बड़े ही मजेदार तरीके से सरकारी बाबुओं को उल्लू बना दिया।
तो अगली बार अगर कोई “स्पेशल इंस्पेक्टर” बनने की कोशिश करे, तो पहले उसकी पहचान जरूर जांच लें। आखिर ठगों की क्रिएटिविटी तो दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है!