लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। चुपचाप और बिना शोर शराबा के करते हैं काम। बतौर आईपीएस अफसर उन्हें जो टॉस्क मिला उसे सौ फीसदी किया। सोशल मीडिया के दौर में उन्हें लोग डिजिटल सुपरकॉप के नाम से भी पुकारते हैं। जिन्हें बिना भनक लगे अपराध और अपराधियों का द एंड करने में महारत हासिल है। तभी तो बड़े-बड़े ‘मुन्नाभाई’ सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘सिंघम’ का नाम सुनते थर-थर कांपने लगते हैं। अपनी काबलियत का लोहा वह कईबार मनवा चुके हैं। जब यूपी पुलिस भर्ती की जिम्मा मिला तो उन्होंने बड़ी आसानी से इसे करवा कर नया कीर्तिमान गढ़ा। हां कुछ ऐसे ही हैं अपने यूपी के नए डीजीपी राजीव कृष्णा, जो पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार मीडिया से रूबरू हुए और खुलकर बोले और अपने मिशन की जानकारी सूबे की जनता तक पहुंचाई।
यूपी के कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार 31 मई की शाम रिटायर हो गए। प्रदेश सरकार ने तत्काल नए डीजीपी के नाम का ऐलान कर दिया। सूबे की पुलिस के नए चीफ आईपीएस राजीव कृष्णा बनाए गए। पदभार ग्रहण करने के बाद वह सोमवार को मीडिया से मुखातिब हुए। अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने यूपी पुलिस को आधुनिक और प्रभावी बनाने के लिए कई बड़े ऐलान किए। राजीव कृष्णा ने कहा कि प्रदेश में अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पहले की तरह सख्ती से लागू रहेगी। राजीव कृष्णा ने युवाओं के लिए बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि यूपी पुलिस में जल्द ही सिपाही भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसका प्रस्ताव तैयार हो चुका है। इसके अलावा जन सुनवाई पोर्टल (आईजीआरएस) को और प्रभावी बनाया जाएगा, जिससे आम जनता की शिकायतों का शीघ्र निस्तारण हो सके।
यूपी डीजीपी ने कहा कि संगठित अपराध के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही की जाएगी और कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सायबर क्राइम के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए उन्नत तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का अधिकतम उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि साईबर क्राईम बड़ी समस्या है। कोरोना काल के बाद से डिजिटल का इस्तेमाल अधिक हुआ है तो इससे जुड़े अपराध भी बढ़े हैं। हमारी कोशिश होगी कि साईबर क्राईम से निपटने के लिए टेक्नालॉजी का इस्तेमाल कर हम इस अपराध पर नियंत्रण करें। टेक्नालॉजी और एआई बहुत अहम है। हम अपराध नियंत्रण के लिए टेक्नालॉजी का उपयोग करेंगे। हमने काम किया है और आइडिया भी है। मुझे भरोसा है कि हम टेक्नालॉजी और एआई का बेहतर उयोग कर लेंगे। एआई एक गेम चेंजर साबित होगा। यूपी पुलिस को इसके लिए तैयार भी किया जा रहा है।
डीजीपी राजीव कृष्णा ने बताया कि पुलिसकर्मियों को सेवाकाल में भी समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि उनकी क्षमता में निरंतर सुधार हो। वहीं, आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए यूपी एटीएस के ढांचे और तकनीकी संसाधनों को भी अपग्रेड किया जाएगा। उन्होंने याद दिलाया कि 2007 में एटीएस की स्थापना समय की मांग थी, और अब समय के अनुसार इसमें बदलाव जरूरी है। डीजीपी राजीव कृष्णा ने प्रदेश की सुरक्षा को लेकर अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट करते हुए नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि नेपाल सीमा से सटे यूपी के जिलों में आतंकवादी गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सशस्त्र सीमा बल और राज्य पुलिस के बीच बेहतर समन्वय जरूरी है। डीजीपी ने कहा कि सभी सुरक्षा एजेंसियां एक साझा उद्देश्य के लिए काम करती हैं, और उनका आपसी तालमेल जितना मजबूत होगा, सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा उतनी ही प्रभावी होगी।
इससे पहले डीजीपी राजीव कृष्णा ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े पुलिस बल का नेतृत्व प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद। यूपी डीजीपी ने कहा कि मुझ पर विश्वास जताने के लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हृदय से आभार व्यक्त करना चाहता हूं। पुलिस प्रमुख का पद एक बड़ी जिम्मेदारी है और मैं उत्तर प्रदेश पुलिस को उत्कृष्टता की अभूतपूर्व ऊंचाइयों की ओर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊर्जावान नेतृत्व व मार्गदर्शन से आठ वर्षों में पुलिसिंग की दिशा स्पष्ट और सुसंगत रही है। इस दिशा में कार्य उनके मार्गदर्शन में नए जोश और रणनीतिक जोर के साथ जारी रहेगें।मुख्यमंत्री के हम दूरदर्शी नेतृत्व व मार्गदर्शन में कानून प्रवर्तन में नए मानक स्थापित करने के लिए तैयार है। उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता, रणनीतिक पहलों और उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया जायेगा कि हम नागरिकों की सेवा पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ करते रहें।
यूपी डीजीपी ने आगे कहा कि जन शिकायतों का समाधान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम हर स्तर पर सभी शिकायतों से निपटने में बहुत सहानुभूतिपूर्ण और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाएंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि नागरिकों की आवाज़ सुनी जाए और उसका तुरंत समाधान किया जाए। सभी जगह संवेदनशील होकर सुनवाई होगी। एसओपी को कैसे प्रभावी बने, मैं सुनिश्चित करूंगा कि पब्लिक की आवाज सुनी जाए। डीजीपी मुख्यालय में आने वाले फरियादियों की सुनवाई के लिए लोक शिकायत प्रकोष्ठ को और प्रभावी बनाने के लिए जल्द बैठक करेंगे। कानून-व्यवस्था के मामले में कोई कम्प्रोमाइज नही होगा।
यूपी डीजीपी राजीव कृष्णा ने कहा कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ एक अडिग रुख बनाए रखेंगे, संगठित अपराध के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। यह नीति हमारी कानून प्रवर्तन रणनीति की आधारशिला होगी, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना है। डीजीपी ने कहा कि कानून और व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति बिल्कुल भी सहनशीलता नहीं बरती जाएगी। हम हर कीमत पर कानून के शासन को बनाए रखेंगे, राज्य के हर हिस्से में शांति व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। मुझे विश्वास है कि बल के सभी सदस्य अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे।