Aligarh Mayor Factory: अलीगढ़ में शुक्रवार को मेयर प्रशांत सिंघल की फैक्ट्री में काम करने वाले 55 वर्षीय कर्मचारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि फैक्ट्री प्रबंधन ने समय से अस्पताल नहीं पहुंचाया, जिससे जान नहीं बच सकी। इस घटना से गुस्साए परिजनों ने शव को फैक्ट्री गेट पर रखकर कई घंटे हंगामा किया। मौके पर पुलिस भी पहुंची, लेकिन परिजन पोस्टमार्टम कराने से इनकार करते रहे। अंततः मेयर प्रशांत सिंघल खुद मौके पर पहुंचे और परिवार को आर्थिक मदद का भरोसा दिलाया। परिवार का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस के दिन जब छुट्टी होनी चाहिए थी, तब भी कर्मचारियों से काम कराया जा रहा था।
अचानक बिगड़ी हालत, अस्पताल में मौत
देहलीगेट थाना क्षेत्र के नगला मसानी निवासी 55 वर्षीय सुशील शुक्रवार सुबह रोज की तरह मेयर प्रशांत सिंघल की फैक्ट्री में काम करने गए थे। फैक्ट्री में काम करते समय अचानक उनके सीने में तेज दर्द उठा और हालत बिगड़ गई। साथी कर्मचारियों की मदद से उन्हें पहले जीवन ज्योति अस्पताल ले जाया गया, जहां से तुरंत रेफर कर दिया गया। इसके बाद परिजन उन्हें जेएन मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
शव रखकर विरोध, फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप
सुशील की मौत के बाद परिजन गुस्से में आ गए। वे अस्पताल से शव को वापस फैक्ट्री लेकर आए और गेट पर रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। परिजनों का कहना था कि फैक्ट्री प्रबंधन ने समय पर इलाज की व्यवस्था नहीं की। आरोप यह भी लगाया गया कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जब अवकाश होना चाहिए था, तब भी मजदूरों को काम पर बुलाया गया। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और कई घंटे तक फैक्ट्री का कामकाज ठप रहा।
मेयर ने दी सांत्वना, पुलिस ने कराया समझौता
सूचना पर Aligarh पुलिस भी मौके पर पहुंची। इंस्पेक्टर एसपी सिंह ने बताया कि परिजनों ने प्रारंभ में पोस्टमार्टम और कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया। बाद में मेयर प्रशांत सिंघल खुद मौके पर पहुंचे और परिजनों से बातचीत की। उन्होंने आर्थिक मदद का भरोसा दिया और कहा कि फैक्ट्री प्रशासन इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ा रहेगा। इसके बाद माहौल शांत हुआ और परिजन शव को लेकर घर चले गए।
Aligarh पुलिस ने प्राथमिक जांच में संभावना जताई कि सुशील की मौत हार्ट अटैक से हुई होगी। हालांकि, पोस्टमार्टम न कराने के कारण इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। परिजन का कहना है कि सुशील पिछले 34 साल से फैक्ट्री में काम कर रहे थे और हमेशा समय पर काम पर पहुंचते थे। परिवार का आरोप है कि प्रबंधन ने लापरवाही बरती, जिससे उनकी जान नहीं बच सकी।