Aligarh Shiv Mandir: अलीगढ़ के सराय रहमान थाना क्षेत्र स्थित बन्ना देवी इलाके में एक प्राचीन शिव मंदिर को 49 साल बाद फिर से खुलवाया गया है। यह मंदिर लंबे समय से बंद पड़ा था और उस पर अवैध कब्जा कर लिया गया था। स्थानीय संगठनों और धार्मिक संगठनों के सहयोग से इस मंदिर को कब्जे से मुक्त कराया गया। मलबे में दबे शिवलिंग और अन्य धार्मिक अवशेषों की खोज की गई, जिससे मंदिर की पुरातात्विक महत्वता का पता चला। इस मंदिर की दीवार पर 9 मई 1975 के शिलालेख से इसकी पुरानी स्थिति का भी प्रमाण मिला है। इस कदम से इलाके में धार्मिक सद्भाव और समाजिक एकता को बढ़ावा मिलेगा।
मंदिर का इतिहास और हालात
स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह शिव मंदिर लगभग 49 साल पुराना है और इसकी स्थापना 9 मई 1975 को हुई थी। यह मंदिर पिछले कुछ दशकों से उपेक्षित था और इस पर कबाड़ भरा हुआ था। दीवारों पर ईंट और सीमेंट की परत चढ़ी हुई थी, जिससे शिवलिंग पूरी तरह से दब चुका था। लोगों का कहना था कि मंदिर को पहले ही अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था, लेकिन अब करणी सेना और बजरंग दल के सदस्यों की मेहनत से मंदिर को पुनः संरक्षित किया गया है।
संगठनों की पहल
स्थानीय संगठन जैसे बजरंग दल और करणी सेना ने इस मंदिर को कब्जा मुक्त कराने की मुहिम छेड़ी थी। इन संगठनों के सदस्य मयंक कुमार, अंकुर शिवाजी, विशाल देशभक्त, गोविंद वार्ष्णेय और देव सोनी ने मंदिर के अंदर साफ-सफाई शुरू की। मलबे के नीचे दबा हुआ शिवलिंग बाहर निकाला गया और अन्य धार्मिक अवशेषों की भी पहचान की गई। इसके बाद, अखिल भारतीय करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर मंदिर की स्थिति का जायजा लिया और कार्रवाई की मांग की।
प्रशासन की भूमिका
करणी सेना ने Aligarh के अपर जिलाधिकारी अमित कुमार भट्ट से मुलाकात की और मंदिर को पूरी तरह से कब्जा मुक्त कराने की मांग की। साथ ही उन्होंने पुलिस बल तैनात करने की भी अपील की। प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया और एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि पुलिस और प्रशासन की टीम इस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने मंदिर पर अवैध कब्जा किया है, उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।
समाजिक और धार्मिक संदर्भ
Aligarh मंदिर का कब्जा मुक्त करना सिर्फ एक धार्मिक कदम नहीं था, बल्कि यह अलीगढ़ में धार्मिक एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने वाला कदम था। करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि अलीगढ़ को ‘संभल’ बनने नहीं दिया जाएगा और मंदिरों पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई ने यह भी साबित किया कि स्थानीय प्रशासन और संगठनों की संयुक्त पहल से समाज में धार्मिक सद्भाव और ताजगी लाई जा सकती है।
इस घटना ने Aligarh के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में धार्मिक विविधता और एकता की नई मिसाल प्रस्तुत की है।