राजधानी लखनऊ में बड़े बिल्डर अंसल एपीआई की सुशांत गोल्फ सिटी में जमीन कब्जाने और अलॉटमेंट मामले को लेकर सीबीआई जांच कर रही है। जिसमें एलडीए के साथ ही जिला प्रशासन के भी 9 अधिकारियों पर सीबीआई जांच में फसने की तलवार लटक रही है। लखनऊ विकास प्राधिकरण के चार पूर्व वीसी और तीन सचिवों ने भी अंसल एपीआई के लेआउट और डीपीआर की मंजूरी में खेल करने के आरोप हैं।
बिल्डर जमीनें बेच कर हुआ फरार
इन अधिकारियों पर बिल्डर को मनमाफिक काम करने की छूट देने का आरोप है। बिल्डर के पास पर्याप्त जमीन ना होने के बावजूद टाउनशिप के नक्शे को एलडीए अधिकारियों ने पास कर दिया। जिस मामले में एलडीए के पूर्व वीसी रहे 4 आईएएस अफसर जांच के घेरे में आ गए हैं। अफसरों के निर्देश पर ही अंसल एपीआई बिल्डर की सुशांत गोल्फ सिटी की जमीनों में खेल हुआ। जमीन खरीदी भी नहीं मालिकाना हक मिला भी नहीं नक्शा पास हो गया था। जिसके बाद बिल्डर जमीनें बेच कर फरार हो गया।
अंसल एपीआई यहीं पर नहीं रुका बल्कि सरकारी जमीनें भी बेच डाली और उसका पैसा भी एलडीए के अधिकारियों ने बिल्डर से नहीं वसूला अंसल ने लोगों को जमीनें बेची और पैसा बटोर लिया। सरकारी जमीनों पर भी कब्जा कर उनमें से भी कई जमीनें बेच दी।
एलडीए में 2006 से 2016 के बीच तैनात रहे आईएएस जांच के घेरे में
केंद्रीय जांच एजेंसी ने एलडीए से पहले ही सारे दस्तावेज ले लिए थे और अधिकारियों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है। जिन अधिकारियों के समय में यह घपले हुए उन अधिकारियों पर कार्यवाही की तलवार लटक रही है। वहीं जिला प्रशासन के भी कई अधिकारी अंसल को लाभ पहुंचाने के मामले में निशाने पर आ गए हैं।
जिला प्रशासन ने भी ग्राम समाज की जमीन का पैसा भी बिल्डर से नहीं वसूला, बिल्डर ग्राम समाज की जमीनों का भी करीब 203 करोड़ रुपए लेकर फरार है। जिस पर अभी दो अफसरों पर कार्यवाही आगे बढ़ रही है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के भी करीब 401 करोड़ रुपए बकाया
अंसल एपीआई ने बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों पर कब्जा किया। चाहे वह प्राधिकरण की जमीन रही हो या फिर जिला प्रशासन की दोनों के अफसरों ने कोई पैसा भी नहीं वसूला, जांच शुरू होते ही प्राधिकरण ने 401 रुपए का नोटिस भेज दिया है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के 21 इंजीनियर रडार पर
लखनऊ विकास प्राधिकरण के 21 इंजीनियर पहले से ही सीबीआई के रडार पर है। प्राधिकरण में प्रवर्तन, मानचित्र और इंटीग्रेटेड हाईटेक टाउनशिप में तैनात रहे इंजीनियरों पर कार्यवाही जल्द हो सकती है।