Alwar की दर्दनाक घटना: निःसंतान महिला को ससुरालवालों ने जला दिया, इंसानियत शर्मसार

अलवर के डीग में 42 वर्षीय सरला देवी को ससुरालवालों ने गाय के गोबर के ढेर पर जिंदा जला दिया। निःसंतान होने के कारण वर्षों के उत्पीड़न का दर्द इस क्रूर घटना में बदल गया।

Alwar Deeg: अलवर के डीग जिले में मंगलवार की दोपहर एक ऐसी घटना हुई जिसने हर संवेदनशील दिल को झकझोर दिया। 42 वर्षीय सरला देवी को उनके ही ससुरालवालों ने गाय के गोबर के ढेर पर जिंदा जला दिया। सालों से निःसंतान होने के कारण झेलती पीड़ा और मानसिक उत्पीड़न अब क्रूर हत्या में बदल गया। जब पुलिस ने शव को रोकने और मामले की जांच करने की कोशिश की, तो गांव के लोग पुलिस पर टूट पड़े और आधे जले शव का दाह संस्कार करने का प्रयास किया। यह घटना केवल एक महिला की हत्या नहीं, बल्कि समाज में बढ़ते महिलाओं के प्रति अन्याय और असंवेदनशीलता की शर्मनाक तस्वीर है।

Alwar

घटना का भयावह विवरण:

सरला देवी ने 2005 में अशोक से विवाह किया था, लेकिन निःसंतान होने के कारण उनका जीवन दुख, तिरस्कार और उत्पीड़न में कटता रहा। उनके भाई विक्रांत ने FIR दर्ज कराई, जिसमें पति अशोक, ससुर सुखबीर सिंह, सास रजवती, देवर त्रिलोक और राजू तथा ननदें पूजा और पूनम को आरोपी बताया। स्थानीय लोगों ने बताया कि सरला पर लगातार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना होती रही।

जैसे ही Alwar पुलिस को घटना की जानकारी मिली और उन्होंने शव को रोकने के लिए कदम बढ़ाए, गांव के लोग पुलिसकर्मियों पर टूट पड़े। उन्हें पीटा गया, उनके वर्दी फाड़ दी गई। पुलिसकर्मी जान बचाकर भागे और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद अतिरिक्त बलों ने पहुंच कर शव को आग से बचाया और जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया।

सख्त कार्रवाई और संदेश:

Alwar एसपी ओमप्रकाश मीणा ने बताया कि हत्या, साक्ष्य नष्ट करने और सरकारी कर्मचारियों पर हमला करने के मामले दर्ज किए गए हैं। आरोपी और कई ग्रामीण फरार हैं। पुलिस ने गांव में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है।

यह दुखद घटना समाज के हर व्यक्ति के लिए चेतावनी है कि महिलाओं के प्रति अन्याय और उत्पीड़न की इस हिंसक रवायत को खत्म करना अब और आवश्यक हो गया है। निःसंतान होना किसी महिला की अपराध नहीं, पर समाज की निर्ममता ने उसे मौत की आग में झोंक दिया। सरला देवी की यह हत्या इंसानियत पर चोट है, और यह हमें याद दिलाती है कि न्याय, सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की लड़ाई हर घर से शुरू होती है।

 

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