Amethi Police Bribery Allegation :अमेठी जिले से पुलिस की मनमानी और लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक दबंग युवक ने नाबालिग लड़की की तस्वीर का इस्तेमाल कर अश्लील वीडियो बना दिया और फिर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर शादी का दबाव बनाने लगा। जब परिवार शिकायत दर्ज कराने थाना पहुंचा, तो पुलिस ने न सिर्फ कार्रवाई से इनकार किया बल्कि रिश्वत तक की मांग कर दी।
एक हफ्ते से न्याय की जद्दोजहद
मामला अमेठी के संग्रामपुर थाना क्षेत्र के एक गांव का है। यहां की रहने वाली किशोरी के नाम से इंस्टाग्राम आईडी बनाकर बिहार के औरंगाबाद निवासी रंजन यादव ने अश्लील फोटो और वीडियो वायरल कर दिए। इतना ही नहीं, उसने लड़की से शादी करने का दबाव भी डाला।पीड़िता का परिवार एक हफ्ते तक रोजाना थाने के चक्कर काटता रहा, लेकिन शिकायत दर्ज नहीं हुई। आरोप है कि थाना प्रभारी परिवार को उल्टा यह कहकर दबाव डालता रहा कि लड़की की शादी युवक से कर दो। वहीं, परिवार का दावा है कि उनसे बीस हजार रुपये रिश्वत मांगी गई।
न्याय के लिए धरना
थक-हार कर पीड़िता का पूरा परिवार रविवार को एसपी आवास पहुंचा और धरने पर बैठ गया। परिवार ने कहा कि जब पुलिस सुनवाई नहीं कर रही, तो अब न्याय की गुहार सीधे अधिकारियों से लगाई जाएगी। जैसे ही मामला एसपी तक पहुंचा, तुरंत हस्तक्षेप हुआ और एक घंटे के भीतर मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
परिवार का आरोप
पीड़ित लड़की के पिता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा “मेरी बेटी की इज्जत दांव पर लगी है। हम हफ्ते भर से थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने जा रहे थे, लेकिन पुलिस न तो एफआईआर लिख रही थी और न ही कार्रवाई। उल्टा हमसे शादी और पैसे की बातें कर रहे थे। क्या हमारी बेटी को न्याय पाने के लिए धरने पर बैठना ही पड़ेगा?”
थाना प्रभारी पर पहले भी लगे आरोप
संग्रामपुर थाना प्रभारी बृजेश सिंह पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। बताया जाता है कि जब वे मोहनगंज थाने में प्रभारी थे, तब एक हत्या के मामले में बड़ी लापरवाही हुई थी, जिसके चलते उन्हें तत्कालीन एसपी ने लाइन हाजिर कर दिया था। विभागीय पकड़ के कारण बाद में फिर बहाल हुए और अब एक बार फिर गंभीर आरोपों में घिर गए हैं।
आरोपियों पर होगी सख्त कार्रवाई
एसपी ने भरोसा दिलाया है कि आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होगी। फिलहाल आरोपी युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। लेकिन यह सवाल अब भी बाकी है कि क्या किसी बेटी को न्याय के लिए सड़क पर उतरना ही पड़ेगा?