Fast Food Took a Young Life:उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से एक बेहद दुखद और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली 16 साल की एक छात्रा की मौत सिर्फ इसलिए हो गई, क्योंकि वह लंबे समय से फास्ट फूड खा रही थी। यह मामला न सिर्फ एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ी चेतावनी है।
घर का खाना छोड़ फास्ट फूड की आदत
मोहल्ला अफगान, अमरोहा निवासी मंसूर हाशमी की बेटी अहाना को घर का बना खाना बिल्कुल पसंद नहीं था। वह रोजाना चाऊमीन, नूडल्स, बर्गर और पिज्जा जैसे फास्ट फूड ही खाती थी। परिवार के लोग उसे समझाते थे, लेकिन उसकी जिद के आगे वे बेबस हो गए। धीरे-धीरे यह आदत उसकी सेहत पर भारी पड़ने लगी।
पेट दर्द से शुरू हुई परेशानी
कुछ समय पहले अहाना को पेट में तेज दर्द की शिकायत हुई। परिजन उसे इलाज के लिए मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। जांच के दौरान डॉक्टरों को पता चला कि उसकी आंतों में छेद हो चुके हैं और आंतें आपस में चिपक गई हैं। हालत गंभीर होने के कारण 30 नवंबर को उसका ऑपरेशन किया गया।
डिस्चार्ज के बाद भी नहीं लौटी ताकत
ऑपरेशन के बाद अहाना की हालत में कुछ सुधार हुआ, तो डॉक्टरों ने उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी। हालांकि, वह काफी कमजोर थी। परिवार को उम्मीद थी कि घर पर सही खानपान से उसकी सेहत धीरे-धीरे ठीक हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
एम्स दिल्ली में आखिरी इलाज
चार दिन पहले अचानक अहाना की तबीयत फिर से बिगड़ गई और पेट में असहनीय दर्द होने लगा। घबराए परिजन उसे दिल्ली के एम्स लेकर पहुंचे। शुरुआती इलाज के बाद थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन 21 दिसंबर को उसकी हालत फिर खराब हो गई। तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा सके।
डॉक्टरों की चेतावनी
परिजनों के अनुसार, डॉक्टरों ने साफ कहा कि अत्यधिक फास्ट फूड खाने की वजह से ही अहाना की आंतों को गंभीर नुकसान पहुंचा। डॉक्टरों का कहना है कि फास्ट फूड में मौजूद हानिकारक तत्व पाचन तंत्र को कमजोर कर देते हैं, खासकर बच्चों और किशोरों में। लंबे समय तक इसका सेवन जानलेवा साबित हो सकता है।
समाज और अभिभावकों के लिए सबक
यह घटना सभी माता-पिता के लिए एक बड़ा सबक है। बच्चों की पसंद-नापसंद के आगे पूरी तरह झुक जाना कभी-कभी खतरनाक साबित हो सकता है। समय रहते सही खानपान की आदत डालना और बच्चों को फास्ट फूड से दूर रखना बेहद जरूरी है।









