Aparna Yadav : उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और भाजपा नेत्री अपर्णा यादव के परिवार पर घोटालों का साया गहराता जा रहा है। अब अपर्णा यादव के भाई चंद्रशेखर उर्फ अमन बिष्ट पर 14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का संगीन आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले अपर्णा की मां अंबी बिष्ट का नाम भूखंड घोटाले में सामने आ चुका है। इस तरह अपर्णा यादव के परिवार पर लगातार दूसरे आपराधिक आरोप ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है।
कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ केस
यह पूरा मामला लखनऊ के गोमती नगर थाना क्षेत्र से जुड़ा है। एक रियल एस्टेट कंपनी के निदेशक ठाकुर सिंह मनराल की शिकायत पर कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। 20 सितंबर 2025 को बीएनएस की धाराओं 316(5), 318(4), 338, 336(3), और 351 के तहत अमन बिष्ट और उनके साथी हिमांशु राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
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शिकायतकर्ता ठाकुर सिंह मनराल, जो मरर्चन्टास इन्फाहाइट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं, ने आरोप लगाया है कि 2019 में उनकी मुलाकात अमन बिष्ट और उनकी मां अंबी बिष्ट से हुई थी। उस दौरान अमन ने लखनऊ के सरसवा और अहमामऊ गांव में लगभग 22 बीघा जमीन बेचने की बात कही थी। बातचीत पक्की होने के बाद, अमन बिष्ट ने अपने सहयोगी हिमांशु राय को भुगतान लेने का अधिकार दिया। मनराल का दावा है कि उन्हें 26,900 वर्गफीट भूमि का वादा किया गया था, लेकिन अब तक सिर्फ 13,450 वर्गफीट की ही रजिस्ट्री कराई गई है।
पैसे वापस मांगने पर दी गई धमकी
ठाकुर सिंह का आरोप है कि करीब 14 करोड़ रुपये का भुगतान करने के बावजूद बाकी जमीन की रजिस्ट्री आज तक नहीं की गई। बार-बार पूछने पर अमन और हिमांशु टाल-मटोल करते रहे और अंत में धमकी भी देने लगे। शिकायतकर्ता के अनुसार, जब उन्होंने बकाया जमीन या धन वापसी की मांग की, तो कथित तौर पर कहा गया—“पैसे भूल जाओ, ज्यादा सवाल पूछे तो जान से जाओगे।” मनराल ने यह भी कहा कि इस पूरे प्रकरण की जानकारी अपर्णा यादव, उनकी मां अंबी बिष्ट और पिता अरविंद सिंह बिष्ट को भी थी, बावजूद इसके कोई समाधान नहीं निकला। पीड़ित ने बताया कि उन्होंने कई बार स्थानीय पुलिस से शिकायत की, लेकिन राजनीतिक प्रभाव के चलते कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अब जब कोर्ट ने सीधे निर्देश दिए, तब जाकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
भाजपा नेत्री अपर्णा यादव की बढ़ी मुश्किलें
अपर्णा यादव इस समय उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष हैं और भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय सदस्य भी हैं। ऐसे में पहले उनकी मां और अब भाई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई ने उन्हें गंभीर राजनीतिक असहजता में डाल दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस मामले का असर भाजपा की छवि पर भी पड़ सकता है, खासकर तब, जब पार्टी “भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस” की नीति पर काम करने का दावा करती रही है।