लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। AI Engineer Atul Subhash Suicide Case Latest News एआई इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस को लेकर बंगलुरू पुलिस फुल एक्शन में हैं। यूपी और हरियाणा पुलिस को बिना भनक लगे बंगलुरू पुलिस के जांबाज अफसरों ने ‘निकिता एंड बदनाम’ को दबोचने के लिए ऑपरेशन चलाया। प्रयागराज स्थित दो पुलिस के जवान होटल में नर्स और डॉक्टर बनकर रूके। यहां पर अतुल सुभाष की सास और साले छिपे हुए थे। दोनों जवानों ने रात भर मां-बेटे पर नजर बनाए रहे और सुबह होते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद दोनों ने निकिता के ठिकाने की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने उसे भी गुरूग्राम से अरेस्ट कर जेल भेजा।
क्या है पूरा मामला
दअरसल, बिहार के रहने वाले अतुल सुभाष बंगलुरू में एक कंपनी में एआई इंजीनियर के पर पर पदस्थ थे। अतुल सुभाष की पत्नी निकिता ने उन पर 9 मुकदमे दर्ज करवाए थे। जिसको लेकर वह कई दिनों से डिप्रेशन में चल रहे थे। अतुल सुभास ने पत्नी व ससुरालवालों की प्रताड़ना से आहत होकर सुसाइड कर लिया था। मौत को गले लगाने से पहले उन्होंने सुसाइड नोट के साथ 90 मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था। जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए पांच लोगों को जिम्मेदार बताया था। जिसमें पत्नी, सास, साला, चचिया ससुर और एक महिला जज। बंगलुरू पुलिस पुलिस ने चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें नोठिस जारी की थी।
प्रयागराज में रूके थे मां-बेटे
मुकदमा दर्ज होने के बाद निकिता अपनी मां और भाई के साथ जौनपुर से फरार हो गई थी। बंगलुरू पुलिस ने आरोपियों के घर आकर नोटिस चस्पा की। 13 दिसंबर से ही बंगलुरू पुलिस ने जौनपुर में ढेरा जमा लिया था। तभी बंगलूरू पुलिस की टीम को 13 की शाम ही निकिता की मां और भाई की लोकेशन मिल गई। इसके बाद देर रात दो बजे के करीब बंगलूरू पुलिस के दो पुलिसकर्मी मदर शिवप्पा व विनीथा ए डॉक्टर व नर्स बनकर होटल में पहुंचे। बातचीत के दौरान ही उन्होंने गेस्ट रजिस्टर मांगा और उसके एक पन्ने की फोटो भी खींच ली। मां-बेटे कमरा नंबर 111 में ठहरे हुए थे। जबकि दोनों पुलिस के जवान कमरा नंबर 101 व 108 में रूके थे।
सीसीटीवी में भी नजर आए मां-बेटे
पूरी रात दोनों ने जगकर मां-बेटे पर नजर बनाए रखी। सुबह आठ बजे के करीब वह मां-बेटे के कमरे में पहुंच गए और फिर उनसे लंबी बातचीत की। 11 बजे के करीब उन्होंने होटल से ही कैब बुक की और दोपहर में वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचे। इसके बाद उन्हें लेकर रवाना हो गए। निकिता की मां व भाई के प्रयागराज के झूंसी स्थित होटल में रहने की पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से भी हुई है। इसमें बुधवार रात ही दोनों होटल में घुसते नजर आए हैं। इस दौरान दोनों ने वही कपड़े पहन रखे थे जो बुधवार रात घर में ताला लगाकर फरार होते वक्त उन्होंने पहने हुए थे।
यूपी पुलिस को नहीं लगी भनक
बताया जा रहा है कि चार दिनों तक होटल में रहने के दौरान मां एक बार भी होटल से बाहर नहीं निकली। बेटा निकला लेकिन वह भी चेहरे पर मास्क लगाकर ही निकला। मां-बेटे की गिरफ्तार के बाद पुलिस ने गुरूग्राम से निकिता को भी दबोच लिया। आरोपियों की गिरफ्तारी का ऑपरेशन बंगलूरू पुलिस ने इतना गोपनीय रखा कि स्थानीय पुलिस को भी इसकी भनक नहीं लगने दी। न ही कोई संपर्क किया। पुलिस अब फरार चल रहे अतुल सुभाष के चचिया ससुर की गिरफ्तारी को लेकर ऑरपेशन चलाए हुए है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने अग्रिम जमानत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
बेटे से मिलना है तो 30 लाख दो
अतुल सुभाष के पिता ने बताया कि बहू निकिता ने बेटे पर मुकदमे दर्ज करवाए। वह केस वापस लेने के लिए 3 करोड़ रुपए मांग रही है। अतुल-निकिता का एक बेटा है। निकिता ने उससे मिलने की इजाजत देने के लिए 30 लाख की डिमांड की थी। अतुल सुभाष के छोटे भाई विकास ने मीडिया को बताया, भाभी (निकिता) अपने परिवार के साथ मिलकर मेरी पत्नी, माता-पिता के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई है। विकास का आरोप है कि निकिता और उसकी पूरी फैमिली को सिर्फ पैसों से ही प्यार है। उन्होंने इसी के कारण अतुल से निकिता की शादी करवाई। शादी के बाद से करीब 50 लाख रूपए ये लोग अतुल से ले चुके हैं। तीन करोड़ की डिमांड की तो अतुल ने देने से इंकार कर दिया। जिसके बाद मुकदमो का सिलसिला शुरू हो गया।
निकिता ही असल में साजिश की कर्ताकर्ता
अतुल सुभाष के एक दोस्त ने बताया कि निकिता पति से ज्यादा पैसों से प्यार करती थी। उसी ने अपनी मां के साथ मिलकर पहले अतुल को अपने प्यार के जाल में फंसाया। शादी की। फिर अतुल की कमाई को लूटने लगी। निकिता शादी के दूसरे दिन बिहार से बेंगलूरू आ गई। कभी भी अतुल के परिवारवालों को पास भटकने नहीं दिया। अतुल के दोस्त ने बताया कि वह बेंगलुरु के मराठाहल्ली इलाके में डेल्फिनियम रेसिडेंसी में रहते थे। यहां अधिकतर आईटी प्रोफेशनल्स ही रहते हैं। अतुल पुरुष अधिकारों के लिए काम करने वाले कई एनजीओ से जुड़े थे। बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में काम करने वाले सुजीत ने बताया कि वे अतुल के दोस्त हैं। सुजीत ने कहा, मैं अतुल को पिछले 4 साल से जानता था। मैं दूसरी कंपनी में काम करता हूं। अतुल की कंपनी अलग थी, लेकिन वह मेरा बहुत क्लोज फ्रेंड था।
घर खरीदने के लिए मांगे 1 करोड़
अतुल के दोस्त ने कहा, उसने मुझे बस इतना बताया था कि उसकी पत्नी और जज उसे एटीएम की तरह यूज कर रही है। उसकी पत्नी ने क्लाउड किचन खोलने के लिए 50 लाख रुपए मांगे थे। घर खरीदने के लिए 1 करोड़ रुपए मांग रही थी। अतुल उसे 50 लाख रुपए पहले ही दे चुका था। इन सब के बावजूद उसे उसके बेटे से नहीं मिलने दिया जाता था। सुजीत ने कहा, अतुल ने केस की सुनवाई के चलते दो साल के भीतर 40 बार बेंगलुरु से जौनपुर आना-जाना किया था। इसमें उसके बेहिसाब पैसे खर्च हो रहे थे। आखिरी बार जब वह कोर्ट गया था तो उसकी पत्नी ने जज के सामने कहा था कि 3 करोड़ नहीं दे सकते तो जाकर सुसाइड कर लो। जज उसकी बातों पर हंस रही थी। शायद इसलिए उसने आत्महत्या कर ली।
एक सामान की तरह ट्रीट करती थी निकिता
अतुल के दोस्त ने कहा, उसकी पत्नी उसे इंसान नहीं, एक सामान की तरह ट्रीट करती थी। वह 3 करोड़ रुपए मांग रही थी। इतनी बड़ी रकम वह कहां से लाता?। अगर पति का दहेज लेना गलत है तो पत्नी का पति से गैरजरूरी पैसे लेना भी अपराध होना चाहिए। दोस्त ने बताया अतुल ने आत्महत्या से पहले अपना वीडियो और सुसाइड नोट सेव इंडिया फैमिली फाउंडेशन के वॉट्सऐप ग्रुप पर भेजा था। अतुल इस एनजीओ के सीनियर मेंबर थे। अतुल ने रात करीब 1 बजे गुड बाय का मैसेज भेजा था। उसने एनजीओ को सभी वीडियो डॉक्यूमेंट और सुसाइड नोट भी भेजे। 24 पेज के सुसाइड नोट के हर पन्ने पर ’जस्टिस इज ड्यू’ लिखा था। हम जब तक उसे घर गए, तब तक उसकी मौत हो गई थी।