Ayodhya news: इस बार (Ayodhya) में 500 साल बाद ‘राम वाली दिवाली’ मनाई जा रही है, जो एक विशेष अवसर है। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली दिवाली है और इसलिए इसे बेहद भव्य और अनोखे अंदाज में मनाने की तैयारी की गई है। इस दीपोत्सव में 28 लाख दीये जलाए जाएंगे, जिससे अयोध्या एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करेगी।
दीपोत्सव की भव्यता और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की तैयारी
इस साल अयोध्या के घाटों पर 28 लाख दीये जलाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 25 लाख दीये गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए जलाए जाएंगे। खास बात यह है कि घाट नंबर 10 पर 80,000 दीयों से स्वस्तिक का आकार बनाया गया है, जो शुभता का प्रतीक है। इस विशाल आयोजन में दीयों की गिनती के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग भी किया जा रहा है।
भगवान राम, लक्ष्मण और सीता का पुष्पक विमान से आगमन
इस बार रामकथा पार्क में भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता का पुष्पक विमान से आगमन होगा, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भव्य तरीके से स्वागत करेंगे। इस आयोजन में भगवान राम का राज्याभिषेक भी किया जाएगा। सरयू नदी के तट पर 1,100 लोग विशेष आरती करेंगे, जिससे दिवाली का माहौल और भी पवित्र और विशेष हो जाएगा।
ग्रीन आतिशबाजी और सांस्कृतिक कार्यक्रम
इस बार का दीपोत्सव पूरी तरह से प्रदूषणमुक्त आतिशबाजी के साथ मनाया जाएगा। आतिशबाजी 120 से 600 फीट की ऊंचाई तक की जाएगी, जो 5 किलोमीटर के दायरे में लोगों को दिखाई देगी। इसके अलावा शाम को सरयू पुल पर लेजर शो, फ्लेम शो और संगीत के कार्यक्रम भी होंगे, जो देखने वालों के लिए एक अलग ही अनुभव लेकर आएंगे।
सुरक्षा व्यवस्था और झांकी प्रदर्शन
अयोध्या में इस आयोजन को देखते हुए लगभग 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। राम की पैड़ी की ओर जाने वाले 17 मार्गों को बंद कर दिया गया है, ताकि कार्यक्रम में भीड़ नियंत्रण रखा जा सके। राम राज्याभिषेक की झांकी साकेत महाविद्यालय से निकलेगी, जिसमें 49 मूर्तियों और 19 रथों का प्रदर्शन किया जाएगा।
गौ दीप और फूलों की सजावट
इस बार के दीपोत्सव में पशुपालन विभाग द्वारा 1,50,000 गौ दीप जलाने का संकल्प लिया गया है। इसके साथ ही राम जन्मभूमि मंदिर में कालिख और प्रदूषण कम करने वाले लैंप का उपयोग किया जाएगा। पूरे मंदिर परिसर को फूलों से सजाया जाएगा, जो इस आयोजन को और भी सुंदर और भव्य बनाएगा।
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अयोध्या दीपोत्सव का उद्देश्य
इस दिवाली का उद्देश्य अयोध्या की आध्यात्मिक, पारंपरिक और सांस्कृतिक विरासत को दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है। इस आयोजन में म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया के कलाकार भी भाग ले रहे हैं, जो इसे अंतर्राष्ट्रीय पहचान देंगे। दीपोत्सव के माध्यम से राम कथा को लोगों के दिलों से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
अयोध्या की इस दिवाली का जश्न एक ऐसा नया अध्याय लिखेगा जो आने वाली पीढ़ियों के लिए यादगार रहेगा।