लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। मुरादाबाद जनपद में तैनात ट्रेनी आईपीएस रोहन झा का एक हैरतअंगेज कारनामा सामने आया है। आईपीएस ने खुद को कल्कि अवतार बताया था। आरोप था कि आईपीएस ने चूहों की बलि दी और कछुओं पर मोमबत्ती लगाई। बरेली एसएसपी अनुराग आर्य ने उनकी भूमिका की जांच पूरी करके रिपोर्ट एडीजी के जरिये मुख्यालय भेज दी थी। जिसके बाद उन्हें डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया था। कुछ ऐसा ही प्रकरण अयोध्या में भी सामने आया है। यहां बेजुबान के बजाए एसडीएम ने शहीद के बेटे शिवम यादव को प्रताड़ित किया। आरोप है कि एसडीएम ने शिवम के सिर के बाल मुंडवाए, जिसके कारण वह ड्रिप्रेशन में चल गया और हादसे में उसकी जान चली गई।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, अयोध्या में शनिवार रात 21 साल के शिवम यादव की सड़क हादसे में मौत हो गई। शिवम सोहावल तहसील में लिपिक के पद पर तैनात थे। शिवम के परिवारवाले ने एसडीएम पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे। परिवारवालों का आरोप है कि एसडीएम ने मंगलवार को लिपिक पद पर तैनात शिवम के बाल मुंडवाए थे और उसे प्रताड़ित किया। इसके बाद से शिवम तनाव में था। पीड़ित परिवार का ये भी कहना है कि एसडीएम ने ही शिवम की हत्या करवाई है। शिवम की मौत के परिवारवालों ने सड़क पर शव को रखकर एसडीएम के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था। इस विरोध प्रदर्शन में सपा सांसद अवधेश प्रसाद भी शामिल हुए थे। पीड़ित के परिवारवालों ने साफ कहा कि एसडीएम अभिषेक सिंह शिवम यादव को प्रताड़ित करते थे और एसडीएम ने ही उसकी हत्या करवाई है।
मृतक के पिता बलिदानी
मृतक के पिता बलिदानी हैं। वह सीआरपीएफ में थे। उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। शिवम की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर देर रात तक जिला अस्पताल के बाहर गम और गुस्से का ज्वार दिखा। देर रात धरना स्थल पर पहुंचे जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने प्रकरण की जांच एवं प्रभावी कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद लोगों का आक्रोश शांत हुआ। यह प्रदर्शन रात करीब दो बजे तक चला। इस दौरान सीआरपीएफ 63 बटालियन के कमांडेंट सतीश दुबे भी अपनी टीम के साथ उपस्थित रहे। बलिदानी के परिवार के सहयोग में सीआरपीएफ की टीम लगी रही। बड़ी संख्या में सीआरपीएफ एवं पुलिस के जवान मृतक के आवास पर उपस्थित रहे। रामनगरी में बालूघाट स्थित बैकुंठ धाम पर शिवम को उसके भाई हिमांशु ने मुखाग्नि दी।
एसडीएम पर गिरी गाज
मामला बढ़ता देख सरकार एक्शन में आई औरघटना के बाद आरोपों से घिरे एसडीएम सोहावल अभिषेक सिंह को पद से हटा दिया गया है। मृतक के भाई हिमांशु ने भी एसडीएम पर शिवम को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। हिमांशु ने कहा कि उसे आए दिन परेशान किया जाता था। मंगलवार को तहसील में सबके सामने शिवम का सिर मुंडवा दिया गया था। जिसके कारण वह तनाव में रहते थे। हिमांशु का आरोप है कि एसडीएम ने ही भाई की हत्या करवाई है। हमारी प्रदेश सरकार से मांग है कि एसडीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। एसडीएम को अरेस्ट कर जेल भेजा जाए। परिवारवालों की मांग पर एसडीएम को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है और मामले की जांच भी प्रशासन की तरफ से शुरू कर दी गई है।
हादसे के वक्त का सामने आया सीसीटीवी
शिवम की मौत के मामले में घटना की सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई है। सआदतगंज में फ्लाईओवर से उतरते समय एक ट्रक के पास पीछे से एक अन्य बाइक सवार तेजी से शिवम के बगल से निकलती, जिसके बाद वह असंतुलित हो गई गिर जाता। पीछे से आ रही डीसीएम भी उसी स्थान पर आकर ठहर जाती है। शिवम के चाचा रामविलास का कहना है कि उन्होंने ने भी फुटेज देखी है। स्पष्ट नजर आ रहा है कि पीछे से आ रहे बाइक सवार के कारण वह असंतुलित होकर गिरा है। यह साजिश का हिस्सा हो सकता है। हालांकि पुलिस के अनुसार, जहां हादसा हुआ वहां सड़क निर्माण की सामग्री व गिट्टी आदि पड़ी थी। वहां गिरने के बाद संभवतः सिर में गंभीर चोट आने से शिवम की मौत हुई है। एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि फुटेज मिली है। मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। इसकी समग्र रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।
ट्रेनी आईपीएस रोहन झा खासी चर्चा में रहे
अयोध्या प्रकरण से ठीक पहले मुरादाबाद में तैनात ट्रेनी आईपीएस रोहन झा खासी चर्चा में रहे थे। उनकी अजीबोगरीब हरकतों ने साथियों व अधीनस्थों को सकते में डाल दिया था। वह खुद को भगवान कल्कि का अवतार बताने लगे थे। वह कभी परेड ग्राउंड में गाड़ी दौड़ाते थे तो कभी चूहे की गर्दन काटकर उसे जीवित करने का दावा करते थे। आम दिनों में सामान्य रहने वाले रोहन झा के वरिष्ठ व कनिष्ठ अधिकारी उनके अचानक बदलने वाले स्वभाव से हैरत में थे। मीडिया के जरिये इस तरह की खबरें आने के बाद डीजीपी प्रशांत कुमार ने इसे गंभीरता से लिया था। उन्होंने ईमानदार व निष्पक्ष छवि के लिए चर्चित बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य को रोहन झा प्रकरण की जांच सौंपी थी।
रोहन झा को डीजीपी मुख्यालय में किया गया संबद्ध
अनुराग आर्य ने मुरादाबाद जाकर विभिन्न बिंदुओं पर जांच की और संबंधित लोगों के बयान दर्ज किए। सीसीटीवी फुटेज भी देखे गए जिनमें रोहन झा इस तरह की हरकतें करते नजर आ रहे हैं। इसके बाद एसएसपी ने अपनी जांच रिपोर्ट एडीजी रमित शर्मा की संस्तुति के बाद डीजीपी को भिजवा दी। बताया जा रहा है कि रोहन झा के अवकाश पर होने की वजह से उनका बयान अभी दर्ज नहीं हो सका है, इसलिए फिलहाल अनुराग आर्य ने अंतरिम जांच रिपोर्ट ही भेजी है। रोहन झा का बयान दर्ज कर इसे अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। अंतरिम जांच में आरोपों की पुष्टि होने की वजह से डीजीपी ने रोहन झा को मुख्यालय से संबद्ध कर दिया है।
कौन हैं आईपीएस रोहन झा
रोहन झा 2021 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से बिहार के निवासी बताए जाते हैं पर उनका घर फिलहाल दिल्ली में है। उनके पिता व परिवार के कई लोग आईएएस अधिकारी रहे हैं जो बिहार सरकार में उच्च पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। अपने परिवार में रोहन झा पहले आईपीएस हैं। उनका जन्म 20 अप्रैल 1992 को हुआ था। उन्होंने गणित से बीएससी तक की पढ़ाई की। इसके बाद ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में एमबीए किया। मुरादाबाद में उनकी तैनाती 2 सितंबर 2024 को हुई थी। पिछले दिनों उन्हें वरिष्ठ वेतनमान में प्रोन्नत किया गया। डीआईजी रेंज मुरादाबाद मुनिराज गोबू ने 10 जनवरी को रोहन झा व उनके बैच के तीन अधिकारियों के कंधे पर रैंक प्रतीक लगाया था।