Azam Khan release: समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान की रिहाई मंगलवार सुबह 7 बजे तय थी, लेकिन मामूली चूक के कारण उनका जेल से बाहर आना टल गया। सीतापुर जेल में बंद आजम खान की रिहाई आठ हजार रुपये के चालान पर अटक गई। जानकारी के अनुसार, सुबह कोर्ट बंद होने की वजह से चालान जमा नहीं हो पाया, जिसके चलते रिहाई में देरी हुई। अब बताया जा रहा है कि सुबह 10 बजे कोर्ट खुलने के बाद चालान जमा होगा और तब जाकर आजम खान को जेल से बाहर आने की अनुमति मिल सकेगी। इस बीच, बड़ी संख्या में समर्थक सीतापुर जेल के बाहर उनके स्वागत के लिए मौजूद रहे और रिहाई में हो रही देरी पर असमंजस जताते रहे।
यूपी की राजनीति में अहम जगह रखने वाले समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की रिहाई मंगलवार सुबह 7 बजे तय थी। यह खबर मिलते ही उनके समर्थकों का जमावड़ा सीतापुर जेल के बाहर लगने लगा। सुबह से ही लोगों में उत्सुकता थी कि 23 महीने बाद उनका नेता जेल से बाहर आएगा। लेकिन अचानक रिहाई की प्रक्रिया में बाधा आ गई और जेल प्रशासन ने साफ किया कि आठ हजार रुपये का चालान जमा होने के बाद ही प्रक्रिया पूरी हो सकेगी।
Hurun India Report : भारत में 4 साल में दोगुने हुए करोड़पति परिवार,अगले दशक में कहां तक पहुंचने का अनुमान
जानकारी के अनुसार, कोर्ट बंद होने के चलते समय पर चालान जमा नहीं हो सका। अब सुबह 10 बजे कोर्ट खुलने के बाद आवश्यक चालान जमा किया जाएगा, जिसके बाद ही आजम खान की रिहाई सुनिश्चित हो पाएगी। इस कारण सुबह से इंतजार कर रहे समर्थकों को निराशा का सामना करना पड़ा। उनके बेटे अदीब आजम भी जेल परिसर पहुंचे और समर्थकों को धैर्य रखने की अपील की।
बता दें कि Azam Khan पर कुल 72 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से कई में उन्हें जमानत मिल चुकी है। हाल ही में एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने 19 मामलों में रिहाई के आदेश जारी किए थे। इसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि मंगलवार सुबह वह जेल से बाहर आएंगे। लेकिन मामूली चूक ने उनकी रिहाई की प्रक्रिया को अटका दिया।
हालांकि जेल से बाहर आने के बाद भी आजम खान की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। अदालत ने अभिलेखों में हेराफेरी और साक्ष्य मिटाने के आरोपों के मामले में उन्हें 1 अक्तूबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा, शत्रु संपत्ति से जुड़े एक मामले में भी हाल ही में उनके खिलाफ एडिशनल चार्जशीट दाखिल की गई है। अदालत ने आईपीसी की धारा 467, 471 और 201 का संज्ञान लेते हुए इस केस में भी उन्हें तलब किया है।
राजनीतिक गलियारों में Azam Khan की रिहाई को लेकर उत्सुकता बनी हुई है। उनके समर्थक जहां उन्हें बाहों में भरने को तैयार खड़े हैं, वहीं विपक्षी दलों की नजर इस बात पर टिकी है कि रिहाई के बाद वह किस तरह की राजनीतिक सक्रियता दिखाते हैं।