Bahraich: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बहराइच में ध्वस्तीकरण कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि जिस सड़क के किनारे बसे लोगों को नोटिस दिया गया है, उसकी श्रेणी और संबंधित नियमों का विवरण प्रस्तुत किया जाए। मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी। इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने 17 अक्टूबर को कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें प्रशासन की कार्रवाई को समुदाय विशेष के खिलाफ बताया गया। याचिका में यह भी कहा गया कि सड़क पर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया गया है।
कोर्ट ने स्पष्ट रूप से पूछा था कि जिस सड़क पर अतिक्रमण का आरोप है, उसकी कैटेगरी क्या है और वहां कितने घर बने हुए हैं। इससे पहले हुई सुनवाई में भी अदालत ने सरकार से अपेक्षा की थी कि वह सड़क के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करे। इस बिंदु पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई, जिससे कोर्ट का असंतोष स्पष्ट हो गया। अब यह देखना होगा कि यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सही और विस्तृत जानकारी कब तक प्रस्तुत करेगी।
ध्वस्तीकरण कार्रवाई के खिलाफ उठाई गई आवाज
अधिवक्ताओं की एक संघटन, एसोसिएशन फाफर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, ने जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन विशेष समुदाय के निर्माण को अवैध बताकर उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। Bahraich प्रशासन ने जो नोटिस जारी किए हैं, उनका आधार स्पष्ट नहीं है, और यह सामुदायिक भेदभाव का मामला बनता जा रहा है। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्तीकरण के मामलों में आदेश पारित किया था, जिससे यह साबित होता है कि ऐसे मामलों में उचित प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य है।
मामले की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता से कहा था कि वह सरकार से स्पष्ट निर्देश प्राप्त करें कि जिस सड़क पर अतिक्रमण का आरोप लगाया गया है, वह मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड है या किसी अन्य प्रकार की सड़क है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि कुंडसार-महसी-नानपारा-महाराजगंज रोड पर कितने घर बने हुए हैं और उस सड़क के संबंध में कौन से नियम लागू होते हैं।
मामले का बहराइच में सांप्रदायिक तनाव से जुड़ाव
वहीं, Bahraich में 13 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान हुई हिंसा के मामले में भी हालात सामान्य हो रहे हैं। फखरपुर इलाके में हुए उपद्रव के चलते 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रशासन और पुलिस के प्रयासों से स्थिति में सुधार हो रहा है, और अब लोग धीरे-धीरे अपने-अपने कारोबार में लौट रहे हैं।
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पुलिस उपनिरीक्षक रामसागर प्रसाद ने बताया कि घटना के बाद से उपद्रव में शामिल लोग छिप रहे हैं। थानाध्यक्ष अभिनव प्रताप सिंह ने कहा कि जो भी आरोपी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अभी के लिए, Bahraich में शांति बहाल करने की दिशा में प्रशासन और पुलिस के प्रयास जारी हैं। लोग अब अपने रोजमर्रा के कार्यों में जुट रहे हैं, और बाजारों में रौनक लौटने लगी है। इस सब के बीच, हाईकोर्ट की ओर से दिए गए निर्देश यह सुनिश्चित करेंगे कि कानून का सही पालन हो और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की जाए।