Bahraich Jarwal Road: बहराइच से जरवल रोड तक 65 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) हाल ही में तैयार हो गई है और इसे रेल मंत्रालय को भेजा गया है। ₹530 करोड़ की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना पूर्वी उत्तर प्रदेश की रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी। इस लाइन पर जरवल कस्बा, कैसरगंज, फखरपुर में तीन स्टेशन और परसेंडी शुगर मिल पर एक हॉल्ट बनाया जाएगा।
लोकेशन सर्वे दिसंबर 2023 में शुरू हुआ था और अब अंतिम चरण में है। डीपीआर को मंजूरी मिलते ही जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू होगा। रेल मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस लाइन के 2027 तक चालू होने की संभावना है। यह रेल लाइन स्थानीय ग्रामीणों, व्यापारियों के लिए बेहद मददगार साबित होगी और पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। इससे बहराइच से लखनऊ तक की यात्रा न केवल आसान, बल्कि बस यात्रा की तुलना में सस्ती भी हो जाएगी, जिससे आम जनता को तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का लाभ मिलेगा।
रेल परियोजनाओं में यूपी को मिली अभूतपूर्व गति
Bahraich Jarwal Road नई रेल लाइन की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार होने से इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को नई गति मिली है। इसके पूर्ण होने पर पूर्वी उत्तर प्रदेश की रेल कनेक्टिविटी को मजबूत आधार मिलेगा और लखनऊ तथा अन्य शहरों तक यात्रा तेज, सुरक्षित व सुविधाजनक हो जाएगी।
नई रेल लाइन परियोजना का विवरण
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परियोजना का नाम: बहराइच-जरवल रोड नई रेल लाइन
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लंबाई: लगभग 65 किलोमीटर (पहले के 69.66 किमी से कम)
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अनुमानित लागत: ₹530 करोड़ (पहले ₹529.96 करोड़ थी)
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प्रगति: विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर रेल मंत्रालय को भेजी गई।
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स्टेशन/हॉल्ट: जरवल कस्बा, कैसरगंज, फखरपुर में तीन स्टेशन और परसेंडी शुगर मिल पर एक हॉल्ट प्रस्तावित।
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अद्यतन: लोकेशन सर्वे अंतिम चरण में।
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लक्ष्य: DPR मंजूरी के बाद जमीन अधिग्रहण शुरू होगा; 2027 तक लाइन चालू होने की उम्मीद।
यह नई Bahraich Jarwal Road रेल लाइन स्थानीय व्यापारियों और ग्रामीणों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। कनेक्टिविटी सुधरने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। बहराइच से जरवल होते हुए लखनऊ की दूरी कम हो जाएगी, जिससे यात्रा के समय और लागत, दोनों में बचत होगी।
उत्तर प्रदेश में रेलवे का बढ़ता निवेश
रेल विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश में रेलवे के विकास को केंद्र सरकार से जबरदस्त समर्थन मिला है।
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स्वीकृत परियोजनाएं: प्रदेश में अब तक कुल 49 रेल परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।
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नेटवर्क विस्तार: इन परियोजनाओं के तहत 3,807 किलोमीटर लंबे रेल नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है।
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कुल लागत: स्वीकृत परियोजनाओं की अनुमानित कुल लागत ₹62,360 करोड़ है।
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बजट में वृद्धि: वर्ष 2009 से 2014 के बीच औसतन ₹1,109 करोड़ प्रतिवर्ष का आवंटन किया जाता था, जो वर्ष 2025-26 में बढ़कर लगभग ₹19,858 करोड़ हो गया है, जो लगभग 18 गुना की अभूतपूर्व वृद्धि को दर्शाता है।
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कमीशनिंग में तेजी: 2014-25 के दौरान 5,272 किलोमीटर नई रेल लाइनों की कमीशनिंग हुई है, जो पिछली अवधि (2009-14) के 996 किलोमीटर की तुलना में पाँच गुना से भी अधिक है। प्रति वर्ष औसतन 479 किलोमीटर नई रेल लाइन शुरू की गई है।
रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि किसी भी परियोजना को पूरा करने में भूमि अधिग्रहण, वन स्वीकृति, कानूनी अनुमतियाँ, भौगोलिक स्थिति, और उपलब्ध निधियाँ जैसे कारक महत्वपूर्ण होते हैं, जो परियोजना की लागत और समय-सीमा को प्रभावित करते हैं।
