Bahraich News : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बुधवार को बहराइच में हुए बुलडोजर एक्शन को लेकर यूपी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि राज्य सरकार ने अदालत द्वारा रविवार को दिए गए निर्देशों के बावजूद समय पर जवाब दाखिल नहीं किया। अदालत ने इस मामले में स्पष्ट निर्देश दिए थे, लेकिन सरकार ने अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
अधिकारियों पर सवाल
लखनऊ पीठ ने राज्य के अधिकारियों की ओर से आदेश की भावना को न समझने पर सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों ने अदालत के आदेश को नजरअंदाज किया है। यह मामला एक जनहित याचिका से जुड़ा है, जिसे एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR) ने दाखिल किया था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि बहराइच जिले में अवैध तरीके से ध्वस्तीकरण नोटिस जारी किए गए हैं।
पीडब्ल्यूडी के नोटिस पर विवाद
पीडब्ल्यूडी ने बहराइच के कुछ इलाकों में 23 संपत्तियों को ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया था, जिनमें से ज्यादातर संपत्तियां मुस्लिम समुदाय की हैं। यह नोटिस तब जारी किए गए थे, जब 13 अक्टूबर को रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसा में एक व्यक्ति की हत्या हो गई थी। आरोप है कि पीडब्ल्यूडी ने बिना उचित प्रक्रिया के नोटिस जारी किए हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है।
कोर्ट की सुनवाई
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अदालत के निर्देशों का पालन नहीं किया है और सिर्फ जनहित याचिका की मेरिट पर आपत्ति जताई है। कोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार को पहले उन तथ्यों पर जवाब देना चाहिए था, जिन पर कोर्ट ने सवाल उठाए थे। खासतौर पर, अदालत ने पीडब्ल्यूडी से यह बताने को कहा था कि किस सड़क पर कितने मकान बने हैं और किन नियमों का पालन हो रहा है, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं दिया गया।
अगली सुनवाई 4 नवंबर को
अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 4 नवंबर को तय की है। तब तक राज्य सरकार को अदालत के आदेशों के अनुसार जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।