भोलानाथ रावत
बहराइच। भारत में करोड़ों मंदिर हैं, जहां भक्तों का हरदिन जलसैलाब उमड़ता है। कुछ ऐसे देवस्थल हैं, जिनका इतिहास पुराणों में भी मिलता है तो कुछ मंदिर ऐसे हैं, जो अपने चमत्कार के लिए जानें जाते हैं। पर हम आपको एक ऐसे कुएं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके चर्चे दूर-दूर तक होते हैं। लोगों का दावा है कि कुआं की आयु करीब 5 हजार वर्ष है और कुएं में 27 नदियों का जल मौजूद है। भक्त मंदिर पर आते हैं और कुएं के जल को भगवान शिव पर चढ़़ाने के साथ अपने साथ भी लेकर जाते हैं।
और इसे संगम भी कहा जाता
चमत्कारी कुआं यूपी के बहराइच के सिद्धनाथ मंदिर में हैं। जहां शिवलिंग के रूप में भगवान शंकर विराजमान हैं। यह कुआं करीब 5 हजार साल पुराना बताया जाता है। इसका जल आज भी भगवान शिव को चढ़ाया जाता है। शिवरात्रि और सावन माह में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच कर जलाभिषेक करते हैं। लोग इस रहस्यमयी कुएं के पानी को चमत्कारी मानते हैं। भक्तों का दावा है कि कुआं में 27 नदियों की पानी मौजूद है और इसे संगम भी कहा जाता है।
कुएं के पानी को महत्त्वपूर्ण माना जाता
मंदिर के पुजारी श्री रवि गिरी जी महाराज जी बताते हैं कि यह कुआं अनादिकाल का है। इसमे 27 नदियों का पानी है। महाराज जी बताते हैं, इस कुएं के पानी से भगवान शिव का जलाभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। 27 नदियों का जल होने के कारण इसको बहुत शुद्ध पवित्र माना जाता है। कुछ लोग इस जल को अपने साथ भी ले जाते हैं और पूजा पाठ में उपयोग करते हैं। धार्मिक दृष्टि से भी इस कुएं के पानी को महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
टोटियों से कुएं का पानी निकलता है
मंदिर के सौंदर्यीकरण वह सफाई दृष्टि से कुएं के ऊपर भगवान श्री कृष्ण माता राधा रानी प्रतिमा सुंदर स्थान बनाया गया। कुएं में पाइप के माध्यम से नल की तीन-चार टोटिया लगा दी गई है। अब इन्हीं टोटियों से कुएं का पानी निकलता है और लोग पूजा-अर्चना के लिए इस पानी का इस्तेमाल करते हैं। भक्तों का कहना है कि कुएं के जल से जटिल रोग ठीक हो जाते हैं। मुगल आक्रांताओं ने कुएं को नष्ट करने का प्रयास किया, लेकिन वह कभी सफल नहीं हो सके। भक्तों का दावा है कि कुएं में जल कहां से आता है, आज तक इस रहस्य को कोई नहीं जान पाया।