UP News : उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद में एक बड़ा वित्तीय घोटाला उजागर हुआ है, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह पटेल ने भाजपा के सदर विधायक प्रकाशचंद्र द्विवेदी और उनकी पत्नी सरिता द्विवेदी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। सुनील सिंह पटेल का आरोप है कि वर्ष 2018 से 2020 के बीच जिला पंचायत के अंतर्गत हुए लगभग 120 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों में भारी अनियमितताएं की गईं।
पटेल का कहना है कि इन परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए, जबकि बतौर अध्यक्ष यह अधिकार सिर्फ उन्हें ही था। उन्होंने यह भी दावा किया कि वित्तीय स्वीकृतियों और कर्मचारियों की नियुक्तियों में भी बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ, जिसमें सरिता द्विवेदी के कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल हुआ।
कोतवाली पहुंचा मामला
यह मामला अब कोतवाली तक पहुंच गया है और राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैल गई है। सुनील सिंह पटेल ने अपनी शिकायत की एक प्रति एसपी को रजिस्टर्ड डाक के जरिए भी भेजी है। उनका कहना है कि सदर विधायक रहते हुए प्रकाशचंद्र द्विवेदी ने अपने पद का दुरुपयोग कर रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों को अनुचित लाभ पहुंचाया, वहीं राजनीतिक विरोधियों को निशाना भी बनाया।
जांच के लिए सुनील सिंह पटेल ने फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ली, जिन्होंने हस्ताक्षरों के मिलान के बाद यह स्पष्ट किया कि बोर्ड की बैठकों, वित्तीय अनुमोदनों, बिल भुगतानों और नियुक्तियों में किए गए हस्ताक्षर एक समान नहीं हैं। फॉरेंसिक रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई कि दस्तावेजों में जालसाजी की गई है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि खनिज परिवहन शुल्क की वसूली में धांधली और जिला परिषद कृषि महाविद्यालय में 11 लोगों की अवैध नियुक्ति भी जाली दस्तावेजों के जरिए की गई।
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हालांकि, इस पूरे विवाद के बीच यह भी उल्लेखनीय है कि स्वयं सुनील सिंह पटेल पर भी छह करोड़ रुपये के गबन के आरोप लगे हैं। महोबा के जिलाधिकारी द्वारा की गई जांच में ये आरोप सही पाए गए थे। पटेल का आरोप है कि यह जांच राजनीतिक दबाव में की गई और एकतरफा थी।